मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

16 नवंबर 2010

कुलपति सम्मेलन में विश्वविद्यालयों के लिए स्वायत्तता का सुझाव

उच्च शिक्षा की देखभाल कैसे हो इस विषय पर मंथन के लिए 85वें अखिल भारतीय कुलपति सम्मेलन में जब देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति एकत्रित हुए तो कई सुझाव आए। जिसमें शिक्षाविदें ने शिक्षा क्षेत्र में विस्तार के साथ ही अन्य सुविधाओं को बेहद जरूरी बताया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (एआईयू) के सहयोग से भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय में आयोजित कुलपति सम्मेलन में 28 राज्यों के कुलपति और 30 विदेशी प्रतिनिधियों ने अपने संबंधित प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा की गवर्नेस को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। बतौर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश डॉ.एआर लक्ष्मणन ने भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए मजबूती से स्वायत्तता का सुझाव दिया। ताकि असरदार तरीके से काम कर सकें। उन्होंने शिक्षा को कभी न खत्म होने वाले कार्य के रूप में देखने की अपील की और कहा कि समग्र शिक्षा के पुनर्निर्माण की जरूरत है और उच्च शिक्षा हर किसी के लिए उपलब्ध और सुलभ कराई जानी चाहिए। वहीं यूजीसी के सदस्य व आइआइटी कानपुर के प्रो.एम आनंद कृष्णनन ने कहा कि जिस तरह आजादी के बाद देश में विश्वविद्यालय व कालेजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई, छात्रों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार को और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है(दैनिकजागरण,दिल्ली,16.11.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।