पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश में बेरोजगारी दर 9.4 फीसदी रही। इस दौरान कृषि, वानिकी और मत्स्यन क्षेत्र में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार मिला। श्रम और रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा देश भर में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई। इस सरकारी सर्वे के मुताबिक वर्ष 2009-10 के दौरान कुल एक हजार रोजगार प्राप्त लोगों में 455 कृषि, वानिकी और मात्स्यिकी क्षेत्र में लगे थे। इसके बाद विनिर्माण क्षेत्र का नंबर आता है, जहां 89 लोगों को रोजगार का मौका मिला। थोक एवं खुदरा क्षेत्र, सामुदायिक सेवा और निर्माण क्षेत्र में कार्यरत लोगों की संख्या क्रमश: 88, 84 और 75 रही। सरकारी बयान के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 300 जिलों में किए गए इस सर्वे का मकसद रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति का पता लगाना था। अध्ययन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 10.1 फीसदी रही, जबकि शहरी इलाकों में यह 7.3 फीसदी रही। सर्वे में यह भी सामने आया कि एक हजार लोगों में 439 स्वरोजगार में लगे थे। स्वरोजगार में लगे लोगों में बहुसंख्यक नागरिक (एक हजार में 572 लोग) कृषि, वानिकी और मत्स्यन क्षेत्र में कार्यरत थे। थोक और खुदरा क्षेत्र में कार्यरत लोगों की संख्या 135 रही। सर्वे में कुल 45,859 घरों को शामिल किया गया। इनमें 24,653 ग्रामीण क्षेत्रों के जबकि 21,206 शहरी क्षेत्रों के थे। सर्वे में लिंग अनुपात 1000 पुरुषों पर 917 महिलाएं होने का अनुमान लगाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या 915 और शहरी क्षेत्रों में 924 रही। इसी तरह सात साल या उससे अधिक आयु वर्ग में साक्षारता दर 77.7 फीसदी आंकी गई है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में 74.6 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 86 फीसदी है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,15.11.2010)।
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