आखिरकार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने गाउन का मोह छोड़ उससे मुक्ति पा ली। यह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की सलाह का ही असर है कि विवि ने अंग्रेजों के चलन को अलविदा कर विशुद्ध भारतीय परिधान को अपनाने का फैसला लिया है। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्र-शिक्षक अब कुर्ता-पायजामा या पैंट-टीशर्ट पहनेंगे। शर्त इतनी है कि पहनावा सफेद होगा। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्र्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल की शुक्रवार को बैठक हुई। कुलपति प्रो.बी हनुमैय्या की अध्यक्षता में हुई बैठक में दीक्षांत समारोह में गाउन की जगह कोई भी सफेद पोशाक पहनने पर आम सहमति बनी । सफेद पोशाक में कुर्ता पायजामा और पैंट-शर्ट भी हो सकता है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह गत 8 अक्टूबर को हुआ था। समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने गाउन की जगह भारतीय परिधान विशेषकर स्थानीय परिधान पहने जाने की सलाह दी थी। पूर्व राष्ट्रपति इसके बाद से विवि में गाउन को बदलने पर आम सहमति बनाने की तैयारी शुरू हो गई थी। बैठक में सोशल वर्क व शिक्षा शास्त्र विभाग खोलने के लिए भी सदस्यों में आम सहमति बनी। एकेडमिक काउंसिल के चार नये सदस्यों का चयन भी किया गया। चुने गए सदस्यों में लखनऊ विश्र्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो.यूएन द्विवेदी, दिल्ली विश्र्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.उपेन्द्र बख्शी और उड़ीसा की प्रो.अपराजिता चौधरी का नाम शामिल है। एक सदस्य के चयन का अधिकार कुलपति को दिया गया। डीन को बोर्ड ऑफ स्कूल के सदस्यों के चयन की जिम्मेदारी दी गई(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.11.2010)।
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