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08 नवंबर 2010

फोटोनिक्स यानी रिसर्च का हाईटेक क्षेत्र

फोटोनिक्स यानी प्रकाश का उपयोग कर सूचना को हासिल करना, आगे पहुंचाना और प्रोसेस करना। यह रिसर्च का हाईटेक क्षेत्र है। इसका विकास ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स के फ्यूजन से हुआ है। फिजिक्स की इस शाखा में फोटॉन यानी प्रकाश के मूल तत्व का अध्ययन होता है। लेसर गन, ऑप्टिकल फाइबर्स, ऑप्टोमेट्रिक इंस्ट्रुमेंट्स आदि पर रिसर्च भी इसी के तहत होती है।

फोटोनिक्स क्यों? : इस अगली पीढ़ी यानी 21वीं सदी की तकनीक माना जाता है। ठीक उसी तरह जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स को 20वीं सदी की तकनीक माना जाता है। हालांकि फोटोनिक युग की शुरूआत 60 के दशक में लेजर की खोज के साथ ही हो गई थी। इसने 70 के दशक में टेलिकम्युनिकेशन में अपना असर दिखाया। इसके नेटवर्क ऑपरेटर्स ने फाइबर ऑप्टिक्स डाटा ट्रांसमिशन का तरीका अपना लिया। इसीलिए काफी पहले ही गढ़ा जा चुका शब्द फोटोनिक्स आम प्रचलन में आया 80 के दशक में।

यह कहां प्रयोग होता है? : अभी कुछ सालों से टेलिकम्युनिकेशन, कंप्यूटिंग, सुरक्षा और कई अन्य प्रक्रियाओं में फोटोनिक्स का उपयोग आधारभूत तकनीक के रूप में होने लगा है। इससे न सिर्फ काम की स्पीड कई गुना बढ़ जाती है बल्कि वह प्रभावशाली भी हो जाता है। इसका उपयोग बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायलॉजी, मेडिसिनल साइंस, सर्जरी और लाइफ साइंस में भी होता है। अब औद्योगिक उत्पादन, माइक्रोबायलॉजी, मेट्रोलॉजी में भी इसका उपयोग होने लगा है।

यह कोर्स कौन करे? : वही, जिसकी गहरी रुचि विज्ञान और इसकी बारीकियों में हो। इसकी गुत्थियां सुलझाने में मजा आता हो। फोटोनिक्स विशेषज्ञ के रूप में आप किसी फर्म में इंजीनियर, वैज्ञानिक और टेक्नीशियन का काम कर सकते हैं। किसी विश्वविद्यालय या शासकीय अनुसंधान विभाग में भी बतौर प्रोफेशनल ऑफीसर कॅरियर बना सकते हैं।

क्या गुण चाहिए? : विज्ञान से गहरा लगाव और फिजिक्स व मैथमेटिक्स में गहरी पकड़ की जरूरत है। इसके साथ चाहिए रचनात्मकता। यही गुण आपको बार-बार कुछ नया करने के लिए प्रेरित करेगा। बढ़िया कम्युनिकेशन स्किल भी काफी जरूरी है।

शैक्षणिक योग्यता : फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषय के साथ न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से बारहवीं पास करने वाले छात्र फोटोनिक्स और ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स में ग्रेजुएट कोर्स करने के पात्र हैं। फिजिक्स, मैथ्स, एप्लाइड फिजिक्स या इलेक्ट्रॉनिक्स में ग्रेजुएट फोटोनिक्स या ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स में एमएससी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में एमटेक, एमफिल या पीएचडी भी की जा सकती है। इनके लिए योग्यता होगी फिजिक्स या फोटोनिक्स में एमएससी। इसके अतिरिक्त कुछ डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं। इन्हें करके फोटोनिक्स टेक्नीशियन बना जा सकता है। ये कोर्स सामान्यतया दो साल की अवधि वाले होते हैं।

रोजगार के मौके : फोटोनिक्स में दक्ष लोगों की दुनिया भर में मांग है। इसका विशेषज्ञ इंजीनियर, टेक्नीशियन या टेक्नोलॉजिस्ट के तौर पर काम कर सकता है। सरकारी और औद्योगिक रिसर्च लैब में रिसर्च ऑफीसर बनने के भी खूब मौके हैं। उत्पादन, डिजाइन, सिस्टम्स, एप्लीकेशंस और डेवलपमेंट आदि क्षेत्रों में भी काम केभरपूर मौके हैं।

आकर्षक वेतन : शिक्षा और अनुभव के आधार पर वेतन कम-ज्यादा हो सकता है। शुरूआत में 20000 से 25000 रुपए मासिक वेतन मिलता है। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि देशों में फोटोनिक्स रिसर्चर या साइंटिस्ट का सालाना पैकेज 36000 से 1.17 लाख डॉलर यानी 16.50 लाख से 54.50 लाख तक होता है।

प्रमुख संस्थान

द इंटरनेशनल स्कूल ऑफ फोटोनिक्स कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कोचीन-22, केरल
फोन: 484-2575396, 2577550, 2575848
वेबसाइट: photonics.cusat.edu, cusat.ac.in

इंडियन इंस्टीटच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास
डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, इंडियन इंस्टीटच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास,
चेन्नई- 600036 फोन: 044-22574851
वेबसाइट: physics.iitm.ac.in

मनीपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन,
मनीपाल-576104, कर्नाटक
फोन: 0820-2571978
वेबसाइट: admissions.manipal.edu

>इंडियन इंस्टीटच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स,
दिल्ली-110016
फोन: 011-2659 1361
वेबसाइट: www.iitd.ac.in

द डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी
द ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कैनबरा एसीटी 0200, ऑस्ट्रेलिया
इंटरनेशनल टी: +61 261255111
वेबसाइट: photonics.anu.edu
(दैनिक भास्कर,7.11.2010)

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