हिमाचल प्रदेश में शारीरिक तौर पर अक्षम स्कूली छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति अब सीधे उनके बैंक खाते में जाएगी। छात्रवृत्ति की आगामी अदायगी इसी माह होगी। सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग बैंक खाते के जरिए छात्रवृत्ति दिए जाने की प्रक्रिया पूरी करने में जुटा है। इससे पहले छात्रवृत्ति जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय से तहसीलदार कार्यालय तक आती थी। उसके बाद पात्र छात्र-छात्राओं को तहसील मुख्यालय बुलाकर व्यक्तिगत तौर पर ड्राफ्ट अथवा नकद राशि के रूप में छात्रवृत्ति दी जाती थी। इससे काफी देर हो जाती थी और कई बार तो छात्रवृत्ति पात्र छात्रों तक नहीं पहुंच पाती थी। इसे समय पर छात्रों तक पहुंचाने के लिए ही बैंक के जरिए छात्रवृत्ति देने की योजना है। जिन छात्रों के बैंक खाते नहीं होंगे, उनके पहले खाते खुलवाए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में एक हजार से अधिक शारीरिक रूप से अक्षम छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाती है। डे-स्कालर्स के लिए यह राशि डेढ़ सौ से साढ़े चार सौ रुपए प्रति माह व छात्रावासों में रहने वालों के लिए इससे दुगनी है। विभाग के निदेशक मनीष गर्ग ने पुष्टि की है कि आगामी अदायगी बैंक खाते के माध्यम से की जाएगी, ताकि किसी प्रकार की देरी न हो। हिमाचल प्रदेश में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग शारीरिक तौर पर अक्षम छात्र व छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करता है। पहले छात्रवृत्ति साल में तिमाही किस्तों में दी जाती थी। उसके बाद इसे छमाही किया गया और अब भविष्य में सालाना एकमुश्त छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना है। पात्र छात्रों को योजना का लाभ पूर्ण रूप से मिले, इसके लिए सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग सीधे छात्रवृत्ति को बैंक खातों में डाल देगा। इसकी छात्रों को बाकायदा सूचना दी जाएगी। क्षेत्र में जो भी बैंक होगा, पात्र छात्रों का उसमें खाता न होने की स्थिति में उन्हें खाता खोलने के लिए कहा जाएगा। छात्रवृत्ति देने से पहले निर्धारित माध्यमों से छात्रों को सूचना दी जाएगी। विभाग के निदेशक मनीष गर्ग का कहना है कि छात्रवृत्ति के लिए पहले से जारी प्रक्रिया में विभिन्न कारणों से देरी हो जाती थी। इस देरी को रोकने के लिए ही अब बैंक खातों से छात्रवृत्ति दी जाएगी। विभाग जल्द ही सभी छात्रों की जिलाबार बैंक खातों से संबंधित डिटेल जुटाकर इस कार्य को पूरा करेगा(दैनिक जागरण,शिमला,8.11.2010)।
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