शिक्षा बोर्ड के प्रमाणपत्र फर्जीवाड़े की आंच की तपिश से सुंदरनगर का स्थल मूल्यांकन केंद्र भी सुलगना शुरू हो गया है। यहां स्कैन व फोटोस्टेट कॉपी के सहारे कई पप्पू पास हुए हैं। दसवीं कक्षा के सामाजिक अध्ययन विषय के पेपर में हुए गड़बड़झाले की भनक लगते ही जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। स्थल मूल्याकंन केंद्र में दसवीं कक्षा के सामाजिक अध्ययन की करीब डेढ़ सौ उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए आई थी। पुख्ता सूत्र बताते हैं कि लगभग 50 से 60 उत्तर पुस्तिकाओं में बाहर के पेज तो असली थे, लेकिन उत्तर पुस्तिका के अंदर व साथ में लगाई गई एकस्ट्रा सीट स्कैन तथा फोटोस्टेट किए हुए थे। इन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले अध्यापक भी यह देख कर दंग रह गए थे। कोई बवाल पैदा न हो इसलिए अध्यापकों ने भी इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। बोर्ड फर्जीवाड़े का पटाक्षेप होने के बाद अब इस बात का भी खुलासा हुआ है। परीक्षा में पप्पू पास हो जाएं इसके लिए कई होनहार बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं की फोटोस्टेट व स्कैन करवा कर इन लोगों की उत्तर पुस्तिकाओं के साथ लगाई गई थी। यह फर्जीवाड़ा यहां हुआ या फिर जिस परीक्षा केंद्र से उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए भेजी गई थी इसे वहां अंजाम दिया गया, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। ऐसे ही मामले दस जमा एक व दो कक्षा के कई विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में देखने को मिले हैं। कई उत्तर पुस्तिकाओं में जो एकस्ट्रा पेज वाली शीटें लगी हैं, वह भी बेहद पुरानी है। मंडी जिला में स्थल मूल्यांकन के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने छह केंद्र बना रखे हैं। इसमें सुंदरनगर, सरकाघाट, थूनाग, जोगिंद्रनगर में एक-एक तथा दो केंद्र मंडी में हैं। इस फर्जीवाड़े के बाद कुंभकर्णी नींद से जागे बोर्ड के अधिकारियों ने अब प्रदेश के सभी परीक्षा केंद्रों में 2009 से पहले जितनी भी उत्तर पुस्तिकाएं व एकस्ट्रा शीट पड़ी हुई हैं, उन्हें वापस मंगवा लिया है। उधर, प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव प्रभात शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है कि परीक्षा केंद्रों में 2009 से पहले की सभी उत्तर पुस्तिकाओं व एकस्ट्रा शीट को वापस मंगवा लिया गया है। उधर, कांगड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने बताया कि पुलिस इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है तथा कई अध्यापकों व प्राध्यापकों से पूछताछ की गई है(दैनिक जागरण,सुंदरनगर,18.11.2010)।
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