अब बिना किसी शुल्क के स्टूडेंट्स आईआईएम सिलेबस की किताबें पढ़ सकते हैं। इसमें कई किताबें विदेशों की हैं, जिनकी कीमत हजारों में है। स्टूडेंट्स ही नहीं बल्कि शहर के मैनेजमेंट फैकल्टीज के लिए भी आईआईएम की किताबें काफी उपयोगी साबित हो सकती हैं।
हर साल जमा होगी
आईआईएम इंदौर से पासआउट होने वाले स्टूडेंट्स अपनी किताबें अब प्रगति सेल में ही जमा कराएंगे। सेल अब हर साल शहर के स्टूडेंट्स को किताबें डोनेट करेंगे। इसके पहले भी कुछ प्रतिशत राशि पर स्टूडेंट्स किताबें दे चुके हैं लेकिन अधिक रिस्पांस नहीं मिलने से इसे अब पूरी तरह फ्री ऑफ कॉस्ट कर दिया गया है।
आईडी कार्ड अनिवार्य
स्टूडेंट अभिषेक अपूर्व ने बताया शनिवार को दोपहर दो से छह बजे कोई भी स्टूडेंट आईडी कार्ड दिखाकर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किताबें आईआईएम कैम्पस से ले जा सकेगा। प्रगति सेल सोशल कामों को आगे बढ़ाने के लिए हर साल कई तरह के ऐसे काम करती रहती है। सेल जल्द ही आर्थिक और सामाजिक मामलों में स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए नया काम शुरू करेंगे।
नए साल में हजारों किताबें
अगले साल दो हजार से अधिक किताबें शहर के स्टूडेंट्स को मिलेंगी। किताबों में कई तरह की रिसर्च भी है। प्रगति सेल को बढ़ाने के लिए आईआईएम प्रशासन स्टूडेंट्स की हर तरह की मदद कर रहा है, ताकि कॉरपोरेट के साथ स्टूडेंट्स सोशल रिस्पांसिबिलिटी भी समझ पाएं(दैनिक भास्कर,इन्दौर,17.11.2010)।
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