उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज (जु.डि.) मुख्य परीक्षा के परिणाम से अभ्यर्थियों में रोष है। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग ने सामान्य व एससी वर्ग के लिए कट ऑफ लिस्ट जारी की, लेकिन पिछड़ा वर्ग के लिए सामान्य श्रेणी की कट ऑफ लिस्ट ही लागू हो रही है। सोमवार को अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष तेजपाल पंवार से भी मिला और मांग की कि संशोधन होने तक साक्षात्कार पर रोक लगाने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग को निर्देशित किया जाए।
उत्तराखंड न्यायिक सेवा नियमावली 2005 में संशोधन की मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने श्री पंवार से मुलाकात की। अभ्यर्थियों ने कहा कि देशभर के राज्य लोक सेवा आयोग पिछड़ा वर्ग के लिए कट ऑफ जारी करते हैं, लेकिन उत्तराखंड की नियमावली के नियम 14(2) के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस नियम में संशोधन के लिए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल भी सहमति पत्र शासन को भेज चुके हैं, लेकिन शासन उदासीनता बरत रहा है, जिससे राज्य के पिछड़ा वर्ग के युवाओं को खासा नुकसान हो रहा है।
परीक्षा में शामिल रिंकु वर्मा ने कहा कि इस मामले में आयोग से बात की गई थी, लेकिन वहां से नियमावली का हवाला दिया गया। ऐसे में शासन को इस मामले में शीघ्र निर्णय लेना चाहिए, ताकि अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ न हो। आयोग अध्यक्ष ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि इस मामले में शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी(दैनिकजागरण संवाददाता,देहरादून,8.11.2010)।
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