पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल जिनके पास खेल महकमा भी है का मानना है कि राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा के जिन खिलाड़ियों ने 35 मेडल जीते हैं उनमें हरियाणा सरकार का कोई योगदान नहीं है बल्कि खिलाड़ियों की निजी मेहनत और अखाड़ों में द्वारा दिए गए लंबे समय से दिए गए योगदान की देन है। उपमुख्यमंत्री मंगलवार को यहां शहीदे आजम भगत सिंह पंजाब खेलों का ब्यौरा देते समय पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। यह खेल 4 दिसंबर से शुरू होकर 12 दिसंबर तक चलेंगे। उन्होंने लंबी चौड़ी खेल नीति का भी उल्लेख किया और कहा कि इसके परिणाम आने वाले कॉमनवेल्थ खेलों से पहले आ जाएंगे।
उन्होंने दावा किया कि अब पंजाब सरकार ने लंबी विचार चर्चा के बाद खेल नीति बनाई है जिसमें खिलाड़ियों का छठी क्लास से ही चयन करके उन्हें प्रशिक्षण देना शामिल है। उन्होंने बताया, इसके लिए पंजाब मंे खेल स्कूल और कॉलेज खोले जा रहे हैं जिसमें विश्व स्तर का खेल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का चयन उनमें खेल संभावनाओं को देखते हुए किया जाएगा और सारा खर्च पंजाब सरकार उठाएगी।
इनकी अलगी पढ़ाई के लिए स्पोटर्स कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। विजेताओं की इनाम राशि बढ़ाई इस अवसर पर सुखबीर बादल ने ओलंपिक व एशियन और कॉमनवेल्थ खेलों मंे पदक जीतने वालों की राशि बढ़ाने का भी ऐलान किया। उन्होंने बताया कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वालों को अब 2.25 करोड़, रजन पदक वालों को 1 करोड़ और कांस्य का पदक जीतने वालों को 51 लाख रुपए मिलेंगे। एशियन खेलों मंे क्रमश: 26 लाख,11 लाख और 6 लाख मिलेंगे। कॉमनवेल्थ में क्रमश: 16,11 और छह लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के कोच को 10 लाख,रजत को पांच और कांस्य को 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसी तरह एशियन खेलों के कोचों को 2 लाख, एक लाख और 50 हजार रुपए की नगद राशि उस कोच को दी जाएगी जिसके खिलाड़ी ये पदक लाएंगे(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,10.11.2010)।
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