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27 नवंबर 2010

दूरसंचार क्षेत्र में संभावनाएँ

कंपनी छोटी हो या बड़ी, उसे बेहतर संचार माध्यमों की आवश्यकता पड़ती है। आज टेलिकम्युनिकेशन न सिर्फ किसी कंपनी या उद्योग, बल्कि आम आदमी की बुनियादी जरूरत सा बन गया है। भारत में तेजी से तरक्की कर रहे सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बीपीओ तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों का पूरा दारोमदार टेलिकम्युनिकेशन पर ही टिका हुआ है।
इन क्षेत्रों को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए अति विकसित टेलिकम्युनिकेशन नेटवर्क की जरूरत पड़ती है। फिर भारत सरकार इस क्षेत्र में नवीनतम तकनीक विकसित करने के लिए जिस तरह भारी निवेश कर रही है और देश के छोटे-छोटे गांवों को इससे जोड़ने की जुगत चल रही है, उससे लगता है कि आने वाले सालों में इस क्षेत्र में काफी बूम रहेगा। एक आंकड़े के मुताबिक इस क्षेत्र में मैनपावर यानी मानव शक्ति की डिमांड दिनोदिन बढ़ती जाएगी। ऑपरेटर स्तरीय कर्मचारियों से लेकर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की जॉब्स में दो गुना इजाफा होगा।
रोचक तथ्यभारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा तेजी से तरक्की कर रही टेलिकॉम मार्केट में से एक है और यहां हर महीने लगभग 60 लाख नए कनेक्शन बढ़ जाते हैं। एक आंकड़े के अनुसार सन 2001 से 2006 के दौरान वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या में 75 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई। भारतीय उद्योग संघ (सीआईआई) के अंदाजे के अनुसार भारत में मौजूदा 160 मिलियन फोन (फिक्स्ड एवं मोबाइल) की तादाद सन 2008 के अंत तक बढ़कर 250 मिलियन तक पहुंच गई।
इसकी सबसे बड़ी वजह शायद देश के कोने-कोने तक फैला टेलिकॉम नेटवर्क का जाल है, क्योंकि अमेरिका जैसे दुनिया के सबसे ज्यादा तरक्कीयाफ्ता मुल्क में भी न्यूयॉर्क जैसे विश्वस्तरीय शहरों से निकलने के बाद चंद फासले पर ही नेटवर्क साथ छोड़ जाता है। दूसरे दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट होने से अत्यधिक प्रतिस्पर्धा ने टेलिकम्युनिकेशन सेवाओं को यहां काफी सस्ता कर दिया है।
रोजगार की संभावनाएं जब इस क्षेत्र में इस कदर तेजी से तरक्की हो रही है तो जाहिर है कि रोजगार की संभावनाएं भी अपार होंगी। विशेषज्ञों के अनुसार राजस्व और संख्या, दोनों से नतीजे बड़े सुखद और सकारात्मक प्रतीत हो रहे हैं और फिलहाल लगभग अगले पांच सालों तक ऐसा ही ट्रेंड जारी रहेगा। इस क्षेत्र में बीएसएनएल, एमटीएनएल जैसी सरकारी कंपनियों के साथ-साथ रिलायंस, टाटा इंडिकॉम, एयरटेल, वोडाफोन तथा आईडिया जैसी निजी टेलिकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों में रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं। कार्यक्षेत्र भिन्न-भिन्न होने की वजह से इसमें अलग-अलग तरह के विशेषज्ञों और कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। आने वाले दिनों में टेलिकॉम इंडस्ट्री में नेटवर्क इंजीनियर्स, नेटवर्क प्लानर्स, मार्केटिंग विशेषज्ञ, उपभोक्ता केयर संबंधी मैनेजर्स तथा एएए (ऑथोराइजेशन, ऑथेन्टिकेशन एवं ऑडिट एक्सपर्ट) की काफी मांग रहेगी।
करियर विकल्प
मोटे तौर पर कार्यक्षेत्र के लिहाज से टेलिकम्युनिकेशन उद्योग को तीन विभागों में बांटा जा सकता है। इन्हीं विभागों में से किसी को आप करियर विकल्प के तौर पर चुन सकते हैं-
प्रबंधन
इस विभाग में कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स मानव संसाधनों का प्रबंधन, वित्तीय योजनाएं तथा मार्केटिंग का कार्य देखते हैं। रिटेल एवं बैंकिंग जैसे समानांतर क्षेत्रों में भी मांग होने के कारण इनकी पहले ही काफी डिमांड है। प्रबंधक के तौर पर कार्य करने के लिए टेलिकॉम मैनेजमेंट/एचआर मैनेजमेंट में एमबीए डिग्री, इकोनॉमिक्स में एमए अथवा फाइनेंस बैकग्राउंड के साथ आवश्यक अनुभव की जरूरत होती है। मैनेजमेंट विशेषज्ञों को काफी मोटी तनख्वाह मिलती है और इनका वार्षिक पैकेज 4 लाख से लेकर 8 लाख रुपये तक का हो सकता है।
सॉफ्टवेयर
आधुनिकतम सुविधाओं वाले संचार माध्यम, विशेषकर मोबाइल फोन तथा गूगल टॉक, जैक्सटर, स्काइप जैसी नवीनतम इंटरनेट टेलिफोनी की वजह से नई-नई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन बनाने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा यह नेटवर्क सुरक्षा और डाटा कम्युनिकेशन एनालिसिस का भी कार्य करते हैं। सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ के लिए इलेक्ट्रॉनिक तथा इलेक्ट्रिकल/सॉफ्टवेयर  में बीटेक अथवा टेलिकॉम इंजीनियरिंग स्नातक की जरूरत होती है। शुरुआती दौर में ही इनका वार्षिक पैकेज 4 लाख तक होता है, जो दक्षता बढ़ने के साथ-साथ काफी बढ़ सकता है।
 
उपभोक्ता सेवा
इस विभाग में टेलिफोन ऑपरेटर, बिल तथा अकाउंट कलेक्टर्स तथा उपभोक्ता सेवाओं संबंधी प्रतिनिधियों की जरूरत पड़ती है। इनका मुख्य कार्य उपभोक्ताओं से संपर्क करना होता है। कस्टमर सेवाओं के लिए आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर की जानकारी के साथ किसी भी स्ट्रीम में स्नातक की दरकार होती है। इनकी सैलरी 5000-7000 रुप्ये प्रतिमाह होती है।
व्यक्तिगत योग्यता
अच्छे प्रबंधन के लिए टीमवर्क, नए-नए विचारों, दूरदर्शिता तथा प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता का होना बहुत आवश्यक है। चुनौतियों को स्वीकार कर उन पर जीत पाने का जज्बा होना चाहिए। वहीं सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों में अविष्कारी दिमाग, नए आइडिया तथा तकनीकी दक्षता का होना बहुत जरूरी है।
टेलिकम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग के बेहतर इंस्टीटय़ूट
-भारतीय स्कूल ऑफ टेलिकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, आईआईटी, नई दिल्ली
-कोचीन इंस्टीटय़ूट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, कोचीन
-बिड़ला इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी
-डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन, आईआईटी, खड़गपुर
-डॉ़ बाबा साहेब अम्बेडकर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, लोनेरे, महाराष्ट्र
-फैकेल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
-इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ साइंस, बैंगलोर
टेलिकम्युनिकेशन में मैनेजमेंट की डिग्री प्रदान करने वाले इंस्टीटय़ूट
-सिम्बायोसिस इंस्टीटय़ूट ऑफ टेलिकॉम मैनेजमेंट, पुणे
-इंडियन सेंटर फॉर टेलिकॉम मैनेजमेंट (आईसीटीएम), पुणे
-एजीस स्कूल ऑफ टेलिकम्युनिकेशन मैनेजमेंट, नवी, मुंबई
-एमेटी इंस्टीटय़ूट ऑफ टेलिकॉम टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, नोएडा
(भावना सिंह,हिंदुस्तान,दिल्ली,23.11.2010)

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