बीपीयूटी के अधिकारी द्वारा रैगिंग के आरोप में चार छात्रों और एक छात्रा को दो साल तक पढ़ाई और परीक्षा से वंचित रहने के निर्देश को गैरकानूनी दर्शाकर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस मदन मोहन दास ने उन्हें पढ़ाई एवं परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है। न्यायालय के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इन छात्रों की किस्मत मामले के फैसले पर निर्भर है। विदित हो कि चौथे वर्ष के छात्र अरजित मैत्र, अनवेशक शाह एंवं देवादित्य शाह हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बीपीयूटी के सख्त निर्देश को रद करने की गुहार लगाई थी। इस मामले की सुनवाई कर बीपीयूटी, शिल्प विभाग के सचिव एवं कटक स्थित पिल्लू-मोदी कालेज ऑफ आर्किटेक्चर के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया था(दैनिक जागरण,कटक,18.11.2010)।
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