एमसीडी ने अपने प्राइमरी स्कूलों के छात्रों को नैतिक शिक्षा पढ़ाने का निर्णय लिया है। साथ ही एमसीडी ने यह फैसला भी किया है कि ऐसे प्राइवेट प्राइमरी स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी, जो गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दे रहे हैं।
एमसीडी की एजुकेशन समिति ने अपनी बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पास कर दिया है। स्थायी समिति द्वारा पारित होते ही स्कूलों में नैतिक शिक्षा लागू करने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। एजुकेशन कमिटी के चेयरमैन डॉ. महेंद्र नागपाल ने बताया कि प्राइमरी स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन के दौरान स्टूडेंट्स को देश के महापुरुषों के बारे में बताने और उन्हें प्रेरित करने के लिए एक सीडी दिखाई जाएगी। इस सीडी को टीवी पर भी दिखाया जाएगा।
चेयरमैन ने यह भी बताया कि दिल्ली के करीब 19 प्राइवेट प्राइमरी स्कूलों ने डीडीए से 1 रुपये गज के हिसाब से जमीन ली है। इनमें से करीब एक दर्जन स्कूल गरीब छात्रों को शिक्षा देने में आनाकानी कर रहे हैं। अब हम इन स्कूलों को जल्द ही नोटिस देने जा रहे हैं। अगर उन्होंने फिर भी गरीब बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी तो, उनकी मान्यता रद्द करने की कवायद शुरू कर दी जाएगी(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,26.11.2010)।
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