राजस्थान हाईकोर्ट ने उप वन संरक्षकों की 2009-10 की वरिष्ठता सूची पर रोक लगाते हुए वन सचिव, कार्मिक सचिव एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से जवाब तलब किया है। उधर, राज्य सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण मामले में हाईकोर्ट की अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार की है। हाईकोर्ट न्यायाधीश अजय रस्तोगी ने बुद्धि प्रकाश पारीक व छह अन्य की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।
प्रार्थीपक्ष की ओर से अघिवक्ता संजीव प्रकाश शर्मा ने न्यायालय को बताया कि समता आंदोलन समिति के मामले में हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण व वरिष्ठता सम्बन्धी अघिसूचनाओं व उनके तहत जारी आदेशों को रद्द कर दिया। याचिका में हाईकोर्ट के इस आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकरण में अवमानना नोटिस जारी हो चुके हैं, सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई पूरी कर चुका है। ऎसे में उप वन संरक्षकों की अगस्त में जारी वरिष्ठता सूची रद्द की जाए।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार : राज्य सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण से सम्बन्घित मामले में हाईकोर्ट की अवमानना कार्यवाही पर रोक लगवाने के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर दिया। इसमें कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आए, तब तक अवमानना की कार्यवाही कैसे की जा सकती हैक्
लैब टेक्नी. प्रशिक्षण को वरीयता देने के निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब टेक्नीशियन पदों पर नियुक्ति के लिए दो वर्षीय डिप्लोमाधारियों के स्थान पर नौ माह का प्रशिक्षण प्राप्त प्रमाण पत्र धारियों को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव व निदेशक से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश अजय रस्तोगी ने कैलाशचन्द्र की याचिका पर यह आदेश दिया(राजस्थान पत्रिका,जयपुर,10.11.2010)।
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