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13 नवंबर 2010

यूपीःप्रथमा-मध्यमा डिग्रीधारक कर्मियों पर लटकी तलवार

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की प्रथमा और मध्यमा डिग्री के उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट डिग्री के समकक्ष होने के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। न्यायालय ने राज्य सरकार को इस संबंध में शासनादेश और अन्य दस्तावेज सहित तीन सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई की अगली तिथि 7 दिसम्बर नियत की गयी है। न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी तथा न्यायमूर्ति वाई.सी. गुप्ता की खंडपीठ ने उर्मिला देवी की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया। उत्तर प्रदेश में नौकरी कर रहे प्रथमा व मध्यमा प्रमाणपत्रधारकों की अर्हता को लेकर उठे सवालों को देखते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। सम्मेलन की प्रथमा व मध्यमा डिग्री के आधार पर भारी संख्या में लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं। याची को भी मृतक आश्रित कोर्ट में मध्यमा प्रमाणपत्र के आधार पर लिपिक पद पर नियुक्ति दी गई थी। बाद में 25 मई 08 के आदेश से इसे अयोग्य करार देते हुए सेवा से हटा दिया गया। इस मामले में एकलपीठ ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि मध्यमा को इंटरमीडिएट की समकक्ष स्थिति प्राप्त नही है। याची के अधिवक्ता वी.एन. सिंह का कहना था कि 22 अगस्त 98 के शासनादेश से राज्य सरकार ने सम्मेलन की डिग्रियों को समकक्ष स्थिति प्रदान की है, और हाईकोर्ट ने भी इसे सही माना है। स्थायी अधिवक्ता जे.के.तिवारी का कहना था कि कई याचिकाएं न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी हैं। साथ ही 22 अगस्त 98 को जारी शासनादेश को 28 अक्टूबर 98 के शासनादेश से वापस ले लिया गया है। अब मध्यमा इंटरमीडिएट के समकक्ष डिग्री नहीं है। न्यायालय ने सरकार से दोनों शासनादेशों को दाखिल करने तथा अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा। 17 को रहेगा अवकाश इलाहाबाद हाईकोर्ट में ईद-उल-जुहा के पर्व पर 17 नवम्बर 2010 को अवकाश रहेगा। इस आशय की जानकारी उच्च न्यायालय के संयुक्त सचिव ने दी(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,13.11.2010)।

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