संस्कृत में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अखिल भारतीय कालिदास सम्मान प्रदान किया जाएगा। इसमें प्रशस्ति पत्र के साथ दो लाख रुपए भेंट किए जाएंगे। महाकवि कालिदास के नाम पर पहले से ही चार सम्मान प्रदान किए जा रहे हैं। यह घोषणा मध्यप्रदेश के संस्कृति, जनसंपर्क, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने उज्जैन में अभा कालिदास समारोह के उद्घाटन अवसर पर की। शर्मा ने कहा कि महाकवि कालिदास के नाम पर अब तक शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय संगीत, रूपंकर कला और रंगकर्म के लिए सम्मान प्रदान किए जाते हैं। इसी कड़ी में अब संस्कृत को भी शामिल किया जा रहा है। संस्कृत के क्षेत्र में पठन-पाठन, शोध, लेखन और रचनाकार संस्कृत के विद्वानों को अभा कालिदास सम्मान प्रदान किया जाएगा। चयनित विद्वान को इस सम्मान से अगले वर्ष आयोजित अभा कालिदास समारोह से नवाजने का क्रम शुरू होगा।
कालिदास समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि कालिदास भारतीय संस्कृति के संवाहक थे। उन्होंने न केवल कला, संस्कृति को, बल्कि देश की परंपरा को अपनी रचनाओं के माध्यम से विश्व पटल पर स्थापित किया है। कालिदास और उज्जैन एक दूसरे के पर्याय है। इन्हें अलग नहीं किया जा सकता है(नई दुनिया,दिल्ली संस्करण,18.11.2010)।
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