आखिरकार डीयू प्रशासन और डीयू टीचर्स असोसिएशन (डूटा) के बीच बातचीत का दौर शुरू हो ही गया। सेमेस्टर के मसले पर लंबे समय से लड़ाई लड़ रही डूटा के पदाधिकारियों ने गुरुवार को वाइस चांसलर प्रो. दिनेश सिंह के साथ मीटिंग की। यह मीटिंग करीब ढाई घंटे चली। हालांकि गुरुवार की मीटिंग के आधार पर अभी किसी नतीजे की बात नहीं की जा सकती लेकिन यह जरूर है कि बातचीत का सेकंड राउंड भी जल्द होगा। मीटिंग के दौरान डूटा ने टीचर्स की सैलरी काटे जाने का मसला भी उठाया।
जानकारी के मुताबिक डूटा पदाधिकारियों ने मीटिंग के दौरान सेमेस्टर पर अपने विरोध को जोर- शोर से उठाया और कहा कि पिछले वीसी ने नियमों को ताक पर रखकर सेमेस्टर वाइज कोर्स पास कराएं हैं और इन कोर्सेज को लागू नहीं किया जा सकता। डूटा प्रेजिडेंट आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि बातचीत शुरू हो गई है लेकिन अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है, उन्होंने कहा कि बातचीत का दौर आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अभी डीयू की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है, अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। डूटा सेक्रेटरी विनय कुमार सिंह का कहना है कि वीसी ने उनकी बातों को सुना है और उम्मीद है कि कोई हल निकलेगा।
बहरहाल, नए वीसी और डूटा के बीच शुरू हुई बातचीत का क्या नतीजा निकलता है, इसका पता तो आने वाले दिनों में ही चलेगा लेकिन यह मामला पेचीदा है। डीयू के जानकारों का कहना है कि डूटा अपने स्टैंड पर कायम है कि सेमेस्टर को नहीं मानते। वहीं नए वीसी भी कह चुके हैं कि सेमेस्टर तो रहेगा और अगर टीचर्स को कोर्स को लेकर कोई आपत्ति है तो उस पर विचार किया जा सकता है। गुरुवार को बातचीत के बाद डूटा के पदाधिकारी भी अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि उनकी मांगों पर किस तरह से विचार किया जाएगा? फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम 6 दिसंबर से शुरू होने हैं और डूटा ने सभी टीचर्स से अपील कर रखी है कि सेमेस्टर एग्जाम से जुड़ी किसी भी एक्टिवटी में भाग न लें(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,5.11.2010)।
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