राज्य के बीएड कालेजों से प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षार्थियों को सरकारी स्कूल में टीचिंग प्रैक्टिस करनी अब मुश्किल हो जाएगी। राज्य शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रिंसिपल को निर्देश जारी कर दिए हैं कि बिना जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति के किसी बीएड कालेज के प्रशिक्षार्थियों को टीचिंग प्रैक्टिस की अनुमति न दें।
राज्य शिक्षा विभाग ने टीचिंग प्रेक्टिस करवाने के लिए बीएड कालेज प्रबंधन के लिए शर्ते रखी हैं। विभाग ने साफ किया है कि जब तक कालेजों ने शर्ते नहीं मानी तब तक उन्हें टीचिंग प्रेक्टिस की अनुमति नहीं दी जाएगी। विभाग के इन नियमों से राज्य के हजारों बीएड प्रशिक्षार्थियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
क्योंकि निजी स्कूल पहले ही उन्हें टीचिंग प्रेक्टिस के लिए अनुमति नहीं देते हैं। जबकि सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल ही उन्हें आसानी से टीचिंग प्रेक्टिस की अनुमति दे देते थे। शिक्षा विभाग का मानना है कि टीचिंग प्रेक्टिस के दौरान स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है।
डायरेक्टर जनरल स्कूल एजुकेशन कृष्ण कुमार ने कहा है कि किसी भी स्कूल में दो से अधिक प्रशिक्षार्थियों को टीचिंग प्रेक्टिस की अनुमति जिला शिक्षा अधिकारी भी नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा सिर्फ उन्हीं स्कूलों में प्रेक्टिस अनुमति दी जाएगी जहां पर अध्यापकों की संख्या कम है।
डीजीएसई ने साफ किया है कि जिस विषय के अध्यापक स्कूल में मौजूद हैं उन विषयों की टीचिंग प्रैक्टिस भी नहीं करवाई जाएगी। दिसंबर से मार्च माह तक किसी भी स्कूल में टीचिंग प्रेक्टिस नहीं करवाई जाएगी। इसके अलावा बीएड कालेज के संचालकों को गारंटी देनी होगी कि उनके प्रशिक्षार्थी स्कूलों में किसी तरह की अनुशासनहीनता नहीं करेंगे और स्कूल समय सारिणी के अनुसार स्कूल में आएंगे(दैनिक भास्कर,लुधियाना,12.11.2010)।
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