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14 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ःआयुर्विज्ञान संस्थान ने पेमेंट कोटे के नाम पर ली गई फीस वापस दी

हाईकोर्ट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान प्रबंधन ने पेमेंट कोटे के नाम पर ली गई अतिरिक्त फीस छात्रों को वापस कर दी। आल इंडिया व सेंट्रल पूल कोटे से दाखिला लेने वाले छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नियमानुसार उनको सरकारी कोटे की सीटों पर दाखिला देना था।

सिम्स के मेडिकल कालेज में 2003-04 में आल इंडिया व सेंट्रल पूल कोटे की सीट पर कुछ छात्रों ने दाखिला लिया। इस कोटे की सीट से दाखिला लेने पर नियमानुसार फ्री (सरकारी) सीट के अनुसार ही लगभग 34 हजार रुपए फीस ली जानी थी लेकिन सिम्स प्रबंधन ने उन छात्रों से पेमेंट कोटे की फीस वसूली जो लगभग सवा लाख रुपए थी।

दूसरे साल भी उनसे पेमेंट कोटे की फीस ली गई। इसके खिलाफ छात्र स्मृता, दीपा, सत्यनारायण सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सिम्स द्वारा ली गई फीस को गलत बताते हुए वापस करने की मांग की।

कोर्ट ने सुनवाई के बाद छात्रों को ट्यूशन फीस को छोड़कर पेमेंट कोटे के नाम पर ली गई अतिरिक्त फीस वापस करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद भी छात्रों से ली गई अतिरिक्त फीस वापस नहीं की गई।


इस पर छात्र-छात्राओं ने वकील मधुनिशा सिंह के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने सिम्स के डीन एसके मोहंती, पूर्व डीएमई एसएल आदिले, वर्तमान डीएमई मुखर्जी को नोटिस जारी करने के साथ ही 13 दिसंबर तक छात्रों से ली गई अतिरिक्त फीस वापस करने का आदेश दिया था। 

कोर्ट के आदेश पर सिम्स प्रबंधन ने छात्रों को फीस वापस करने के बाद आज कोर्ट को इसकी जानकारी दी। कोर्ट ने जवाब से संतुष्ट होकर छात्रों की याचिकाओं को निराकृत कर दिया(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,14.12.2010)।

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