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14 दिसंबर 2010

झारखंडःसभी सिविल सर्जन के वेतन रोके गए

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान (एनआरएचएम) की निदेशक आराधना पटनायक ने कुपोषण उपचार केंद्र, फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट स्थापित करने व अन्य कार्यक्रमों में खराब प्रदर्शन के कारण सूबे के सभी सिविल सर्जनों का वेतन रोक दिया है। साथ ही बीस दिसंबर तक प्रदर्शन सुधारने की मोहलत दी है। अभियान निदेशक ने समीक्षा में पाया कि लोहरदगा व गिरिडीह में कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी) शुरू ही नहीं किया जा सका। दोनों जिले में द्वितीय फेज में ये केंद्र खुलनेवाले थे। लातेहार, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, गुमला, धनबाद, लातेहार, पलामू, दुमका, पाकुड़ व हजारीबाग जिले में में भी अतिरिक्त कुपोषण उपचार केंद्र शुरू नहीं हो सके। इसी तरह जामताड़ा, खूंटी, साहेबगंज, चतरा, गोड्डा, रामगढ़ व कोडरमा में फ‌र्स्ट रेफरल यूनिट शुरू नहीं हो सके। सभी जिलों को अगले वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया गया था। इसके लिए 10 दिसंबर तक समय दिया गया था। समीक्षा में पाया गया कि अधिकांश जिलों का औसत काफी खराब है। परिवार कार्यक्रम माह के तहत आयोजित कार्यक्रमों में भी कई जिलों की प्रगति लक्ष्य के अनुरूप नहीं पाई गई। पुरुष नसबंदी में देवघर, हजारीबाग, कोडरमा, लोहरदगा, पाकुड़, रामगढ़, साहेबगंज व सिमडेगा तथा महिला बंध्याकरण (ट्यूबेकटामी) में देवघर, कोडरमा, लोहरदगा, पाकुड़ व सिमडेगा का प्रदर्शन खराब रहा। इसी तरह आरसीएच कैंप में चतरा, गढ़वा व हजारीबाग तथा पीटीजी (जनजातीयों के लिए) कैंप में गढ़वा, गोड्डा व लोहरदगा का प्रदर्शन खराब रहा(दैनिक जागरण,रांची,14.12.2010।

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