शिक्षा के अधिकार कानून के क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को 4.55 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की मंजूरी दे दी है। इसमें सबसे ज्यादा 1.64 लाख शिक्षक उत्तर प्रदेश में तथा 57963 शिक्षक बिहार में नियुक्त किए जाएंगे। बाकी शिक्षक अन्य राज्यों में नियुक्ति होंगे। इसके अलावा केंद्र ने स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अलग से 1.13 लाख शिक्षकों की नियुक्ति को भी स्वीकृति दी है। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के क्रियान्वयन में अब तक की प्रगति का ब्यौरा पेश करते हुए अपर सचिव अनीता कौल ने उच्चस्तरीय बैठकमें बताया कि इस कानून के क्रि यान्वयन के लिए देश में कु ल 5.08 लाख अतिरिक्त शिक्षकों की जरूरत पड़ रही है।राज्यों से मिले प्रस्तावों के आधार पर इनमें से 4.55 लाख शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है।यह बैठक शनिवार को हुई थी। कें द्र के फैसले के बाद अब आगे की कार्यवाही राज्यों को करनी है। शिक्षकों की नियुक्ति पर आने वाले व्यय में 65 फीसदी केंद्र और 35 फीसदी राज्य वहन करेगा। इसके दायरे में पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। बैठकमें बताया गया कि आरटीई के तहत सर्व शिक्षा अभियान के बजट में भी इजाफा किया जा चुका है। यह पहले 15 हजार करोड़ रुपये था लेकिन इसे चार हजार करोड़ बढ़ाकर 19 हजार करोड़ किया गया जा चुका है तथा हाल में अनुदान मांगों के दौरान इसे संसद क मंजूरी भी मिल चुकीहै। मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी के अनुसार अब राज्य सरकारें स्वीकृत पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति कर सकती हैं। केंद्र इस मद में बजट जारी करने जा रहा है।
टीईटी का इंतजार :
इसी महीने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कोअंतिम रूप् मिल जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार शिक्षकों की नियुक्ति कर सक ती है(मदन जैड़ा,हिंदुस्तान,दिल्ली,14.12.2010)।

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