केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मदरसों और वैदिक पाठशालाओं को शिक्षा के अधिकार कानून में रियायत देकर पार्टी को हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बराबर लोकप्रिय करने का कदम उठाया है।
वैद्विक विद्वानों और उलेमाओं की आपत्तियों के बाद केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि मदरसों और वैदिक पाठशालाओं के परिचालन पर शिक्षा का अधिकार कानून बाधा नहीं बनेगा। सरकार ने स्थानीय प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू करते समय इन संस्थाओं के अधिकारों की रक्षा की जाए। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद वैदिक विद्वानों और उलेमाओं ने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात कर वैदिक पाठशालाओं और मदरसों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा था। मंत्रालय ने विद्वानों की आपत्तियों को ध्यानपूर्वक समझने और अलग-अलग साझेदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह स्पष्ट किया है कि अल्पसंख्यक संस्थाओं के परिचालन में यह कानून कोई बाधा नहीं होगा। मंत्रालय ने २३ नवंबर को जारी अपने निर्देश में संविधान की धारा २९ और ३० में मदरसे और वैदिक पाठशालाओं को संरक्षण प्राप्त है(नई दुनिया,दिल्ली,14.12.2010)।
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