सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती के 15 हजार फॉर्म रिजेक्ट होने की खबर प्रकाशित होने के बाद अभ्यर्थी शनिवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग की वेबसाइट देखने के लिए उमड़ पड़े।
अभ्यर्थी यह पता करना चाहते थे कि कहीं उनका तो फॉर्म रिजेक्ट नहीं हो गया। इससे आयोग की वेबसाइट पर अधिक लोड आ गया और यह हैंग हो गई। हालत यह थी कि अभ्यर्थियों को आधा से एक घंटे तक भी वेबसाइट पर इसकी सूचना नहीं मिल पा रही थी। आयोग ने रिजेक्ट अभ्यर्थियों की सूची और 19 से 22 दिसंबर तक आयोजित होने वाली परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के रोल नंबर व केंद्र के नाम वेबसाइट पर डाल रखे हैं। भास्कर ने शनिवार को शिक्षक भर्ती से 15 हजार अभ्यर्थी बाहर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
इसके बाद ही आवेदकों को पता चला कि आयोग ने इतने फॉर्म रिजेक्ट किए हैं। अभ्यर्थियों में इस बात को लेकर भी आक्रोश था कि परीक्षा के ठीक पहले फॉर्म रिजेक्ट होने से सभी प्रभावित हुए हैं। अब अभ्यर्थी पढ़ाई छोड़ यह पता करने में लग गए कि रिजेक्ट फॉर्म में कहीं उनका नाम तो नहीं है। अभ्यर्थी समता अग्रवाल और रामनारायण ने बताया कि आयोग की वेबसाइट इतनी धीमी गति से चल रही थी कि फॉर्म सलेक्ट होने का पता करने में ही एक घंटा लग गया।
परीक्षा में बैठाने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र: फॉर्म रिजेक्ट होने से परेशान अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठाने की अनुमति देने के लिए भाजपा विधायक ओम बिड़ला ने शनिवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। बिड़ला ने पत्र में मुख्यमंत्री से कहा है कि आयोग ने पहले तो समय पर फॉर्मो की जांच नहीं की। अब एनवक्त पर फॉर्म रिजेक्ट कर दिए। आयोग की गलती का खामियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगते?
केवल गलत कोड के कारण इनके जीवन से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि इन अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। ताकि इनका शिक्षक बनने का सपना साकार हो सके। उन्होंने समय पर परीक्षाएं कराने में नाकाम हो रहे आयोग के इस मामले को विधानसभा में उठाने की भी घोषणा की(दैनिक भास्कर,जयपुर,14.12.2010)।
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