राजस्थान सरकार आने वाले एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां देगी। इसमें से ५० हजार नौकरियां तो अकेले शिक्षा विभाग में ही दी जाएंगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को अपनी सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में यह घोषणा की। इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि राज्य में अब सभी विभागों में होने वाली नई भर्तियों में ३० प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाएंगी। गहलोत ने बताया कि सरकारी नौकरियों में अब धीरे-धीरे साक्षात्कार की प्रक्रिया को खत्म किया जाएगा, ताकि नई भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अब सभी भर्तियां नियमित होंगी, संविदा के आधार पर कोई भी भर्ती नहीं की जाएगी। गहलोत ने कहा कि आने वाले समय में राजस्थान में सीमेंट, ऑटोमोबाइल, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी निवेश होने वाला है। देश-विदेश की कई कंपनियां राजस्थान में निवेश के लिए आगे आ रही हैं(नई दुनिया,दिल्ली,14.12.2010)।
दैनिक भास्कर की रिपोर्टः
राज्य में सरकार अब कॉन्ट्रेक्ट पर नौकरी नहीं देगी। अगले साल एक लाख भर्तियां की जाएंगी। इनमें 50,000 अकेले शिक्षा विभाग में होंगी। ६७,५क्क् पदों के लिए पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। भर्तियों में इंटरव्यू नहीं लिए जाएंगे। सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कई घोषणाएं कीं।
पिंकसिटी प्रेस क्लब में उन्होंने बताया कि संविदा कर्मचारी नियमित करने की मांग पर आंदोलन करते हैं, जिससे माहौल खराब होता है, इसलिए संविदा भर्तियों को बंद किया जाएगा। अब अर्जेट और टेंपरेरी नियुक्ति 6 माह से अधिक नहीं होगी। एनआरएचएम में 17,000 चिकित्साकर्मियों को नियमित करने का प्रयास किया जा रहा है। एक जनवरी से तबादलों पर रोक लग जाएगी, जिसको मई में ही हटाया जाएगा। जयपुर व जोधपुर में किसी भी समय कमिश्नर प्रणाली की घोषणा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि खाली पदों को सर्वे कराकर भरा जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर मॉनिटरिंग की जाएगी।
गहलोत ने कहा- अब सभी विभागों की भर्तियों में विधवाओं के लिए 8 प्रतिशत और परित्यक्ताओं के लिए 2 प्रतिशत कोटा तय होगा। महिला आरक्षण फिलहाल 30 प्रतिशत है। इस आरक्षण का बंटवारा शिक्षा विभाग के पुराने पैटर्न से सभी विभागों में होगा। इससे पहले सरकार ने शिक्षक भर्ती में विधवा-परित्यक्ताओं का कोटा खत्म करने की तैयारी कर ली थी। भास्कर ने इसका खुलासा किया। इसके बाद सांसदों, विधायकों और सामाजिक संगठनों ने कोटा बहाल करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्टः
राज्य में सरकार अब कॉन्ट्रेक्ट पर नौकरी नहीं देगी। अगले साल एक लाख भर्तियां की जाएंगी। इनमें 50,000 अकेले शिक्षा विभाग में होंगी। ६७,५क्क् पदों के लिए पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। भर्तियों में इंटरव्यू नहीं लिए जाएंगे। सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कई घोषणाएं कीं।
पिंकसिटी प्रेस क्लब में उन्होंने बताया कि संविदा कर्मचारी नियमित करने की मांग पर आंदोलन करते हैं, जिससे माहौल खराब होता है, इसलिए संविदा भर्तियों को बंद किया जाएगा। अब अर्जेट और टेंपरेरी नियुक्ति 6 माह से अधिक नहीं होगी। एनआरएचएम में 17,000 चिकित्साकर्मियों को नियमित करने का प्रयास किया जा रहा है। एक जनवरी से तबादलों पर रोक लग जाएगी, जिसको मई में ही हटाया जाएगा। जयपुर व जोधपुर में किसी भी समय कमिश्नर प्रणाली की घोषणा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि खाली पदों को सर्वे कराकर भरा जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर मॉनिटरिंग की जाएगी।
गहलोत ने कहा- अब सभी विभागों की भर्तियों में विधवाओं के लिए 8 प्रतिशत और परित्यक्ताओं के लिए 2 प्रतिशत कोटा तय होगा। महिला आरक्षण फिलहाल 30 प्रतिशत है। इस आरक्षण का बंटवारा शिक्षा विभाग के पुराने पैटर्न से सभी विभागों में होगा। इससे पहले सरकार ने शिक्षक भर्ती में विधवा-परित्यक्ताओं का कोटा खत्म करने की तैयारी कर ली थी। भास्कर ने इसका खुलासा किया। इसके बाद सांसदों, विधायकों और सामाजिक संगठनों ने कोटा बहाल करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
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