सरकार द्वारा नियम बनाने में देरी और शिक्षा विभाग की लेटलतीफी के कारण राज्य में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गरीब व पिछड़े तबके के बच्चों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर उनका प्रवेश मुश्किल है। शिक्षाविदों व विभागीय आकलन के अनुसार इस कोटे के तहत राज्य में करीब दो लाख बच्चों का प्रवेश होना है। दूसरी ओर सीबीएसई से जुड़े कई नामी निजी स्कूलों ने नए सत्र के लिए प्राथमिक कक्षाओं की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य में आरटीई को अमलीजामा पहनाने के लिए नियम कायदे तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने कमेटी गठित की थी, लेकिन नियम अब तक जारी नहीं हो सके। नियमों का ड्राफ्ट कमेटी ने सरकार को तो भेजा है, लेकिन विभागीय सूत्रों के अनुसार इसे विभिन्न स्तरों पर अंतिम रूप लेने में तीन—चार माह से ज्यादा का समय लगेगा।
इधर नियमों के लागू होने तक राज्य के ज्यादातर निजी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी होगी। अधिनियम के प्रावधानों को तीन वर्ष में क्रियान्वित करने का प्रावधान है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब नियमों को लागू ही करना है तो इसे नए शिक्षा सत्र से ही लागू करना बेहतर रहता।
संसाधनों के लिए 14 हजार करोड़ की जरूरत: राज्य में शिक्षा का अधिकार कानून को प्रभावी बनाने के लिए तीन साल में 14 हजार करोड़ रु. और करीब 70 हजार नए स्कूलों की भी जरूरत होगी। इसमें डेढ़ लाख टीचरों की भर्ती करनी पड़ेगी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ खास नहीं हो पाया।
इनका कहना है:
‘‘निजी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया तो अपने शिड्यूल के अनुसार शुरू हुई है। नियम तैयार होने के बाद ही तो उन्हें प्रवेश के लिए बाध्य किया जा सकता है।
..सेवाराम स्वामी, कंपोनेंट प्रभारी, आरटीई
एक्ट का पालन होगा : भंवरलाल
शिक्षा मंत्री भंवरलाल से जब पूछा गया कि नियम कब तक बनेंगे? तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों को काम जल्द करने को कहा गया है। काम तेजी से हो रहा है। एक्ट का पालन होगा।
कानून की पालना में देरी क्यों
अब तक संसाधनों के विकास के लिए मूल बजट का प्रावधान वित्त विभाग को नहीं भेजा गया। कई बैठकों के बाद भी नियम जारी नहीं हो पाए। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीके मैथ्यू का कहना है कि 75 फीसदी बजट केंद्र से मिलना है। फिलहाल विभाग के पास अपेक्षित बजट को लेकर प्रस्ताव नहीं आया है।
जो प्रावधान हैं, लागू होंगे
प्रमुख सचिव अशोक संपतराम से सवाल—जवाब
प्रवेश में आरक्षण को लेकर राज्य में क्या तैयारियां हैं?
-नियम तैयार हो रहे हैं। सरकार की मंजूरी के बाद ही कुछ कहेंगे।
नियम बनने में देरी की वजह?
-बड़ा काम है। जरा सी चूक से बड़ी परेशानी हो सकती है।
25% कोटा कैसे मिलेगा? स्कूलों ने तो प्रवेश शुरू कर दिए।
-जो प्रावधान हैं, लागू होंगे।
नए सत्र के लिए निजी स्कूलों को सीट सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं?
-अभी तक तो नहीं(मदन कलाल,दैनिक भास्कर,जयपुर,14.12.2010)।
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