राजधानी के निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले में प्वांइट सिस्टम के साथ रैंडम दाखिला भी शामिल होगा। सरकार ने जो मसौदा तैयार किया है, उसके अनुसार सामान्य छात्र यानी कुल दाखिले के 75 फीसदी के लिए सरकार प्वांइट सिस्टम से दाखिला होगा।
वहीं शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब छात्रों को रैंडम दाखिला आधार पर दाखिला मिलेगा। दरअसल अनिवार्य शिक्षा कानून के अस्तिव में आने के बाद दिल्ली सरकार ने शहर के सभी निजी स्कूलों में 25 फीसदी गरीब छात्रों को दाखिला देना अनिवार्य कर दिया है।
सरकार मानती है कि दाखिले की इस मिलीजुली प्रक्रिया के लागू होने पर न तो सिफारिश का बोलबाला रहेगा, न ही भ्रष्टाचार की ज्यादा गुंजाइश होगी।
दरअसल नर्सरी एडमिशन पर दिल्ली सरकार ने अपने विधि विभाग से राय मांगी थी। विधि विभाग ने सरकार को जो राय दी है, उसमें बताया गया है कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून में कहीं भी रैन्डम जैसे प्रावधान का जिक्र नहीं है।
इसके बाद ही सरकार ने सामान्य स्थिति में प्वांइट सिस्टम को दाखिले का आधार बनाने का फैसला लिया है। हालांकि अभी यह फैसला लागू नहीं किया जा सकता। सोमवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने इस बाबत अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
दिल्ली सरकार बैठक में लिए गए अपने इस फैसले से अब केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय को अवगत कराएगी। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद ही यह सिस्टम लागू किया जा सकेगा।
वहीं बैठक के बाद शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि नर्सरी एडमिशन पर अंतिम फैसले की जानकारी बुधवार को सार्वजनिक की जाएगी।
लवली के मुताबिक सरकार अभी सिस्टम को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया में है व आने वाले दो दिन में सिस्टम तैयार कर लिया जाएगा।
यहां यह बताना जरूरी है 1 जनवरी से नर्सरी एडिशन शुरू हो जाएंगे, इसलिए सरकार पर दबाव है कि वह जल्द से जल्द एड्मिशन के लिए उपयुक्त व निर्विवाद प्रक्रिया का निर्माण करे(दैनिक भास्कर,दिल्ली,14.12.2010)।
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