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14 दिसंबर 2010

हरियाणाःपहली कक्षा से ही मिलेगा आरक्षण

शिक्षा कानून के चलते हरियाणा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता खोल दिया है। इसके लिए नए नियम बनाए गए हैं और राज्य सरकार के पुराने नियमों में 1 से 8 कक्षा तक बड़ा बदलाव किया गया है।

सरकार के नए नियमों के बाद कक्षा आठवीं तक विवाद सुलझ गया है, जबकि 9 से 12वीं तक कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरक्षण को लेकर स्कूल संचालकों और सरकार के बीच विवाद जारी है। हरियाणा सरकार की बात करें तो यहां 25 प्रतिशत आरक्षण पहले से ही चला आ रहा था, यहां सभी कक्षाओं में 25प्रतिशत गरीब बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य था। केंद्र का नया नियम आने के बाद सरकार ने हाल ही नियमों में संशोधन कर दिया। अब केवल पहली कक्षा में 25 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य होगा। इसके बाद वे दूसरी, तीसरी व अन्य कक्षाओं में आगे बढ़ते जाएंगे।


राज्य में 9950 गैर सहायता प्राप्त और 190 सहायता प्राप्त निजी स्कूल हैं। हरियाणा मान्यता प्राप्त स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एसएस दलाल एवं उपाध्यक्ष आरएस सिंधु ने बताया कि सरकार ने हाल ही नए नियम जारी कर दिए। 1 से 8 तक वे नियमों की वे पालना कर रहे हैं लेकिन 8 से 12वीं कक्षा तक का भी समाधान करना चाहिए।


शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का यह है कहना
अनिवार्य शिक्षा कानून (आईटीई) में आरक्षण को लेकर क्या किया है? हमने पुराने नियम हटाकर अब 25 प्रतिशत आरक्षण पहली कक्षा से ही शुरू किया है। पहले हर कक्षा में गरीब बच्चों के लिए दाखिले का 25 प्रतिशत आरक्षण था। अब पहली से शुरू किया गया है। इसके बाद बच्च जब अगली कक्षा में जाएगा तो आरक्षण का फायदा मिलता जाएगा।

आरक्षण को किस आधार पर बांटा गया है? दाखिले के लिए यहां अजा, जजा या अन्य जाति को अलग-अलग नहीं देकर बीपीएल परिवारों को इस श्रेणी में रखा गया है।

निजी स्कूलों को फीस कौन देगा? एडिड स्कूल तो स्वयं वहन करेंगे, जबकि गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को सरकार फीस का पैसा देगी। केंद्र से भी राशि मांगी जा रही है।

क्या कक्षा 9वीं से 12वीं तक कक्षाओं में आरक्षण का विवाद सुलझेगा? हां, इस बारे में स्कूल संचालकों से बातचीत की जाएगी। इन कक्षाओं में भी सरकार नियमानुसार आरक्षण लागू करेगी(प्रमोद वशिष्ठ,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,14.12.2010)।

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