परीक्षाओं में नकल करते पकड़े जाने पर केस तो बनेगा ही, संबंधित विषय में प्राप्तांक से दस फीसदी अंक भी काटे जाएंगे। राज्य सरकार के निर्देश के बाद प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने नकल के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए स्कूली स्तर की सभी परीक्षाओं के मामले में ये निर्देश जारी करते हुए कई प्रावधान कर दिए हैं।
परीक्षार्थी के पास नकल की सामग्री पाए जाने पर फिर चाहे उसने नकल की हो या नहीं, संबंधित विषय से दस फीसदी अंक काटे जाएंगे। वहीं परीक्षा तक निरस्त की जा सकेगी। नियमों में यह भी शामिल किया गया है कि नकल के मामले में वकील भी पैरवी नहीं कर सकेंगे। नकल के मामलों के फैसलों के लिए तीन सदस्यीय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, संबंधित संस्था प्रधान व संस्था के परीक्षा प्रभारी के नेतृत्व में समिति गठित की जाएगी। समिति जांच परीक्षा समाप्त होने के सात दिन के भीतर कर लेगी। तब तक संबंधित परीक्षार्थी का परीक्षा परिणाम रोके रखा जाएगा। इसके साथ ही दोषी परीक्षार्थियों को यह अधिकार नहीं होगा कि वह अपना प्रतिनिधित्व किसी वैधानिक परामर्शदाता, एडवोकेट या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा केंद्राध्यक्ष अथवा तीन सदस्यों की समिति के समक्ष करा सकें। एबीईईओ मांगीलाल शर्मा ने बताया कि स्कूली स्तर पर होने वाली परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए नए नियम जारी किए गए हैं।
नकल में क्या शामिल
नकल रोकने के लिए बनाए गए प्रावधानों को काफी कड़ा बनाया गया है। परीक्षा हॉल में किसी परीक्षार्थी को सहायता देना या लेना भी नकल माना जाएगा। कागज, पुस्तक, कॉपीमिलने के साथ परीक्षा भवन के आस-पास रखना भी नकल मानी जाएगी। उत्तर पुस्तिका चोरी से लाना या ले जाना व उत्तर पुस्तिका में अपशब्द, अश्लील भाषा का प्रयोग करना या करने का प्रयास करना और दुराचरण करने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
नकल के बढ़ते मामले
12वीं तक की परीक्षाओं में नकल के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शिक्षा विभाग की मानें
तो 12वीं तक की परीक्षाओं में हर साल करीब 80 नकल
के मामले सामने आते हैं। पिछले साल तो करीब 10 सामूहिक नकल के मामले भी पकड़ में आए थे।
दंड के ये किए प्रावधान
यदि किसी परीक्षार्थी के पास नकल की कोई सामग्री मिलती है, भले ही परीक्षार्थी ने उसकी मदद नहीं ली हो, संबंधित विषय में प्राप्तांक में से दस फीसदी अंक काटे जाएंगे। परीक्षा हॉल में परीक्षक कॉपी पर इसकी टिप्पणी करेगा। खास बात यह भी है कि ढाई घंटे के पेपर के दौरान दस मिनट शेष रहने के दरमियान परीक्षक को परीक्षार्थी के पास से नकल की सामग्री मिलती है तो छात्र की पहली उत्तर पुस्तिका निरस्त मानी जाएगी और दूसरी उत्तरपुस्तिका में दस मिनट के समय में दिए गए उत्तरों के आधार पर ही अंक दिए जाएंगे। सामूहिक नकल व नकल की सामग्री ज्यादा मिलने परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी(दैनिक भास्कर,सीकर,4.12.2010)।
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