हाईकोर्ट के नोटिस के बाद राज्य शासन ने अपने जवाब में बताया है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) की परीक्षा में विकलांगों को उम्र सीमा में 10 साल की छूट दी जा रही है।
शासन के इस जवाब के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 12 दिसंबर को आयोजित हो रही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है। राज्य शासन द्वारा नगरपालिकाओं में सीएमओ के खाली पदों पर नियुक्ति के लिए पीएससी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू की है।
इसके लिए जारी विज्ञापन में विकलांग वर्ग के प्रत्याशियों को आयुसीमा में छूट नहीं दी गई, जबकि नियमों के अनुसार इस वर्ग के लोगों को आयुसीमा में 10 साल की छूट देने का प्रावधान है।
इसके खिलाफ रायगढ़ निवासी मोहम्मद इरफान खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।इस मामले में कोर्ट ने राज्य शासन व पीएससी को नोटिस जारी किया था।
शुक्रवार को शासन की ओर से जवाब में बताया गया कि परीक्षा के नियमों में सुधार कर विकलांग वर्ग के प्रत्याशियों को आयुसीमा में 10 साल की छूट दी जा रही है। शासन का जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 12 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है।
शासन द्वारा परीक्षा के नियमों में किए जा रहे संशोधन से बहुतों को राहत मिलने की उम्मीद है। हाईकोर्ट में इस संबंध में 8-10 लोगों ने याचिकाएं दायर की हैं।
इसके अलावा भी इस वर्ग के कई ऐसे लोग हैं, जो आवेदन करना चाह रहे थे लेकिन आयुसीमा में छूट न मिलने के कारण आवेदन नहीं कर पाए। उनके संबंध में शासन क्या करेगा, यह स्पष्ट नहीं है(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,11.12.2010)।
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