राज्य के 1,145 छात्र-छात्राएं कॉलेज की गलती का खमियाजा भुगत रहे हैं. स्कूल-कॉलेज की गलती के कारण इनका इंटर में पंजीयन नहीं हुआ. पंजीयन नहीं होने के कारण इंटर की वर्ष 2011 में होनेवाली परीक्षा में ये विद्यार्थी शामिल नहीं हो सकेंगे. स्कूल-कॉलेज इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. अभिभावक भी परेशान हैं. कॉलेज का चक्कर लगा रहे हैं, पर उन्हें यह बताने वाला कोई नहीं है कि उनके बच्चे परीक्षा में शामिल हो पायेंगे या नहीं.
क्या है मामला
कॉलेजों ने 11वीं की परीक्षा के दौरान जितने छात्रों के लिए प्रश्न पत्र की मांग की थी, 12वीं में उससे अधिक छात्रों का पंजीयन फार्म जमा कर दिया गया. काउंसिल ने यह कहते हुए फार्म वापस कर दिया कि जितने छात्र 11वीं की परीक्षा में शामिल हुए, उतने का ही पंजीयन फार्म स्वीकार किया जायेगा.
कैसे हुई गड़बड़ी
कुछ कॉलेजों ने बिना 11वीं की परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को 12वीं में पंजीयन की अनुमति दे दी, तो कुछ ने फोटो कॉपी करके प्रश्न पत्र बांट दिया. जिससे विद्यार्थी परीक्षा में शामिल तो हो गये, पर उनका रिकार्ड काउंसिल के पास नहीं पहुंच सका.
शिवनारायण कन्या पाठशाला की छात्राओं को मिला मौका
इस मामले में राजधानी स्थित शिवनारायण कन्या पाठशाला की 58 छात्राएं भाग्यशाली रहीं. विद्यालय की गलती के कारण 58 छात्राओं का पंजीयन नहीं हुआ था. छात्राओं ने मामले को लेकर आंदोलन किया, तो शिक्षा विभाग ने दोषी प्राचार्या को निलंबित करते हुए छात्राओं के पंजीयन का आदेश काउंसिल को दिया.
क्या कहते हैं प्राचार्य
इस मामले में छात्र-छात्राओं की कोई गलती नहीं है. उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए(प्रभात खबर,रांची,17.12.2010).
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