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30 दिसंबर 2010

मध्यप्रदेशःसंस्कृत में 12 हज़ार संविदा शिक्षकों की नियुक्ति होगी

संस्कृत भाषा के 12 हजार संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती राज्य सरकार करेगी। संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-एक में 2 हजार तथा वर्ग-दो में 10 हजार संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह घोषणा शिक्षामंत्री अर्चना चिटनीस ने संस्कृत भाषा के शिक्षकों की कमी को देखते हुए की। वहीं संस्कृत भाषा की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिक्षाविद् जमकर शासन पर भी बरसे। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान में बुधवार को पतंजलि महोत्सव का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षामंत्री अर्चना चिटनीस थीं। समारोह में आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों ने सरकार पर संस्कृत की उपेक्षा के आरोप लगाए। सेवानिवृत्त प्राचार्य व संस्कृत विद्वान रामचंद्र तिवारी का कहना था कि वर्तमान शिक्षकों की दुर्गति हो रही है। जो शिक्षक है भी वह योग्य नहीं है। हिंदी विषय के लोग संस्कृत पढ़ाते हंै। कही तो तबला के शिक्षक संस्कृत पढ़ाते मिल जाएंगे। संस्थान बनाकर संस्कृत को अनिवार्य तो कर दिया, लेकिन उसे रोजगार से जोड़ने की जरूरत भी है। संस्कृत संस्थान बनने के बाद से उसमें पद नहीं बनाए, ना ही उन पर नियुक्तियां की गई है। उन्होंने कहा कि एक विद्यालय में कम से कम दो संस्कृत शिक्षकों के पद होना चाहिए। संस्कृत के प्रचार प्रसार में भूमिका निभा रहे जयप्रकाश गौतम का कहना था कि प्रदेश में संस्कृत स्कूलों में हालात बहुत खराब है। मेरे निरीक्षण में कई स्कूलों में संस्कृत की किताबें भूसे के ढेर में दबी है। सभी की बातों को सुनने के बाद श्रीमती चिटनीस ने बताया कि पिछले 20 वर्षो से लगातार संस्कृत शिक्षकों की कमी महसूस की जा रही है, जिसे देखते हुए सरकार ने आगामी मई में व्यापमं के जरिए संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला लिया है। उन्होंने संस्कृत विद्यालयों और अन्य संस्थाओं, आचार्यो को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के विकास और प्रसार में कोई कसर शेष नहीं छोड़ेगी। पिछले वर्षो के दौरान जब विभिन्न विषय शिक्षकों की नियुक्ति हुई तो भाषा शिक्षक उसमें शामिल नहीं थे। अब इसी बात को ध्यान में रखकर बड़ी तादाद में भाषा शिक्षक नियुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के गौरव और सम्मान का पूरा ध्यान रखती है। इस संबंध में केवल कागजी योजनाएं बनाने में सरकार यकीन नहीं रखती बल्कि निर्णयों के क्रियान्वयन में भरोसा करती है। इसी दृष्टि से पतंजलि संस्थान के लिए मंत्रिपरिषद ने हाल में 63 पदों की स्वीकृति प्रदान की है। जनवरी में बैंगलोर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय संस्कृत मेले में भाग लेने के लिए 50 संस्कृत शिक्षकों को शासन के खर्चे पर भेजा जा रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रजनीश वैश्य ने शासन स्तर से संस्कृत के प्रसार में मदद दिलाने की बात कही। संस्कृत बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मनमोहन उपाध्याय ने संस्कृत को रोजगार से जोड़ने पर बल दिया(दैनिक जागरण,भोपाल,30.12.2010)।

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