केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूपी में 143 मॉडल स्कूलों के निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 56.13 करोड़ रुपये जारी किये हैं। राशि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अभियान परिषद को जारी की गई है जो प्रदेश में मॉडल स्कूल योजना को क्रियान्वित कर रही है। यह धनराशि जारी करते हुए केंद्र ने राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि वह अपने हिस्से की धनराशि एक महीने के अंदर जारी कर देगी। केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर प्रस्तावित मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से बारहवीं तक पढ़ाई होगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन गठित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने 23 जुलाई को हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में 143 मॉडल स्कूलों के निर्माण को मंजूरी दी थी। यह सभी मॉडल स्कूल शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में उपलब्ध भूमि पर बनाये जाएंगे। राज्य सरकार की मंशा है कि इन मॉडल स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने पर उच्च प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों का नामांकन मॉडल स्कूलों में करा दिया जाएगा। पहले से संचालित हो रहे उच्च प्राथमिक विद्यालय का इस्तेमाल प्राथमिक स्कूल के तौर पर किया जाने लगेगा। इसका फायदा यह होगा कि विद्यार्थियों को कक्षा एक से बारहवीं तक की पढ़ाई की सुविधा एक ही स्थान पर सुलभ हो सकेगी।
केंद्र सरकार केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर देश में 6000 मॉडल स्कूल खोलनेकी घोषणा कर चुकी है। इनमें से 3500 मॉडल स्कूल देश के विभिन्न राज्यों में शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में खोले जाने हैं। शेष 2500 को सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर खोलने की मंशा है। प्रत्येक मॉडल स्कूलों के निर्माण की अनुमानित लागत 3.02 करोड़ रुपये है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना की अवधि में मॉडल स्कूलों की निर्माण लागत में केंद्र और राज्य सरकारों की हिस्सेदारी 75:25 के अनुपात में तय की गई है। मॉडल स्कूलों के लिए भूमि की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी है(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.12.2010)।
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