राष्ट्रीय जनगणना के चलते माध्यमिक शिक्षा परिषद, उप्र. (यूपी बोर्ड) को हाईस्कूल व इंटर परीक्षा का कार्यक्रम बदलना पड़ रहा है। समय से परिणाम घोषित करने को उसे डेढ़ माह पहले ही प्रैक्टिकल परीक्षा करानी पड़ रही है तो मुख्य परीक्षा होली के बाद ले जाने की तैयारी है।
बोर्ड के शैक्षिक पंचांग में फरवरी के दूसरे सप्ताह से इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा और मार्च के पहले सप्ताह से मुख्य बोर्ड परीक्षा कराने की व्यवस्था दी गयी थी परंतु जनवरी से मार्च के दूसरे सप्ताह तक प्रदेश के हजारों माध्यमिक शिक्षक राष्ट्रीय जनगणना कार्यक्रम मे लगेंगे। इसी के चलते बोर्ड परीक्षा पर संकट है। बोर्ड ने 15 दिसंबर से इंटर व हाईस्कूल की प्रैक्टिकल परीक्षा कराने के निर्देश जारी कर दिये हैं। इसे लेकर कालेजों में हड़कंप है क्योंकि आधी-अधूरी तैयारी से परीक्षा होने पर छात्रों का नुकसान होना तय है।
उधर बोर्ड के समक्ष 55 लाख परीक्षार्थियों की मुख्य परीक्षा समय से कराने का संकट भी गहरा गया है। शिक्षकों के जनगणना कार्यक्रम में लगे होने से मार्च के पहले सप्ताह से परीक्षा शुरू कराना मुश्किल होगा। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक उनकी पहली कोशिश समय से परीक्षा परिणाम घोषित करने की है। समय से परिणाम घोषित न होने से बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश व प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित हो सकते हैं। इसीलिए दिसंबर में प्रैक्टिकल परीक्षाएं करायी जा रही हैं। लिखित परीक्षा के बाद कराने से समय परिणाम निकाल पाना संभव नहीं है। 19 मार्च को होली है। संकेत मिल रहे हैं को लिखित परीक्षा होली बाद से हो सकती है।
शिक्षामंत्री रंगनाथ मिश्र ने प्रैक्टिकल परीक्षा पर फिर से विचार करने को कहा था। उनके मुताबिक फिलहाल प्रैक्टिकल परीक्षा की तिथियां घोषित हो गयी हैं। 16 की बैठक में इससे पैदा होने वाली दिक्कतों पर चर्चा होगी। मुख्य बोर्ड परीक्षा तिथियों पर भी फैसला होगा। जहां ज्यादा दिक्कत होगी, प्रैक्टिकल बाद में कराये जा सकते हैं(दैनिक जागरण संवाददाता,कानपुर,12.12.2010)।
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