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07 दिसंबर 2010

बिहारःशिक्षा समितियों ने नहीं खर्च किये सारण में 16 करोड़

सारण के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को आवंटित 16 करोड़ से अधिक राशि पड़ी रह गयी और वह खर्च ही नहीं हुई। जिसे विद्यालय प्रधानों से वापस करा जिला कोषागार में जमा कराने का काम सोमवार से शुरू हो गया। वित्तीय वर्ष 02-03 से 09-10 तक विभिन्न वर्षो में यह राशि विद्यालयों को चहारदीवारी निर्माण, भवन मरम्मत, बालिका पोशाक योजना आदि मद में दी गयी थी, जो विद्यालय शिक्षा समिति के माध्यम ये योजनाओं पर खर्च होने थे। अब मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देश पर वापस हो रहे है।

जिला शिक्षा अधीक्षक जगपति चौधरी ने 7 दिसम्बर तक राशि जमा करने का फरमान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि अव्यहृत राशि हेडमास्टर निर्धारित अवधि तक अपने क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के यहां जमा करा दें। जारी निर्देश पत्र में यह भी कहा गया है कि राशि न जमा कराने वाले हेडमास्टरों के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत 8 दिसम्बर को थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी जायेगी। जिला शिक्षा अधीक्षक श्री चौधरी ने बताया कि पिछले पांच वित्तीय वर्ष में जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को विभिन्न विकास मदों व पोशाक योजना मद में उपलब्ध करायी गयी राशि में 16,18,82,987 रुपये का व्ययन नहीं हो सका। जिसे विभागीय निर्देश पर वापस ट्रेजरी में जमा कराया जा रहा है। पहले ही दिन आज 12,66,76,250 रुपये ट्रेजरी में चलान के माध्यम से जमा करा दिये गये है। करीब 3 करोड़ 5 लाख रुपये और विभिन्न विद्यालयों के शिक्षा समिति के खाते में है। जिसे मंगलवार को जमा करा दिया जायेगा। जिस विद्यालय की अव्यहृत राशि कल नहीं पहुंची उसके हेडमास्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होना तय है। राशि का व्ययन क्यों नहीं हुआ के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस प्रश्रन् का जवाब उन विद्यालयों की शिक्षा समितियां ही बेहतर दे सकती है। डीएसई का इशारा शिक्षा समितियों के अकर्मण्यता व आपसी विवाद के तरफ था जिसे वे खुलकर बताने से परहेज कर रहे थे। लेकिन सच्चाई यह है कि शिक्षा समितियों के सदस्यों की आपसी खिचातानी में जिले के कई विद्यालयों में चाहरदीवारी का निर्माण व भवन की मरम्मती नहीं हो सकी और अब राशि वापसी की स्थिति बन आयी है।

उधर,सारण के नौ प्रखंडो में कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खुलेंगे। यह जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक जगपति चौधरी ने बताया कि जिले के 11 प्रखंडो में पूर्व से कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय संचालित है और शेष नौ प्रखंडो में इस वित्तीय वर्ष में नये विद्यालय खुलेंगे। जिसके लिए प्रारंभिक तैयारी शुरू कर दी गयी है।

डीएसई ने कहा कि सर्व शिक्षा के तहत जिले में न केवल नये कस्तुरबा बालिका विद्यालय खुलेंगे बल्कि अन्य कई नयी शिक्षा योजनाएं शुरू होगी। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 10-11 के लिए जिले को सर्व 60 करोड़ 39 लाख रुपये का बजट प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में अब विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति होगी और नये क्लास रूम बनेंगे। जिससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा। अब पहले व दूसरे वर्ग के छात्र-छात्राओं को भी पोशाक की राशि दी जायेगी। विद्यालय से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने को अभियान चलाए जायेंगे। एक तरफ जहां भवन आदि पर राशि का व्ययन होगा वहीं पूर्व में खर्च हुए राशि का हिसाब लिया जायेगा। शिक्षा समितियों द्वारा अब तक व्यय किये गये राशि का आडिट कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा उन्नयन की दिशा में सरकार गम्भीर है इसलिए पदाधिकारी व शिक्षक भी अपने क‌र्त्तव्य के प्रति सचेष्ट हो जाय(दैनिक जागरण,छपरा,7.12.2010)।

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