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03 दिसंबर 2010

बिहार विश्वविद्यालयःपुनरीक्षित वेतनमान की सूची से 17 शिक्षकों के नाम गायब

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा कई कॉलेजों के डेढ़ दर्जन से अधिक व्याख्याताओं को भुगतना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय के द्वारा जारी की गई पुनरीक्षित वेतनमान की अधिसूचना में उन व्याख्याताओं का नाम ही नहीं है। इन्हें छोड़कर विवि सभी पदोन्नत शिक्षकों को उनके पुनरीक्षित वेतनमान के मुताबिक नया वेतनमान का लाभ देने जा रहा है। सभी प्रभावित शिक्षक विवि प्रशासन का चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

मिली जानकारी के मुताबिक विवि ने पत्रांक बी-2104 दिनांक 10 अक्तूबर 2009 के तहत कुल 199 व्याख्याताओं को वरीय व्याख्याता पद पर पदोन्नत किया था। एमपीएस साइंस कॉलेज सहित कई कॉलेजों को लंबी समय तक इसकी जानकारी ही नहीं हो पाई। फलत: वे शिक्षकों के वेतन पुनर्निधारण संबंधी कोई अगली कार्रवाई नहीं कर पाए। बाद में एमपीएस साइंस कॉलेज के शिक्षकों को किसी तरह जब इस आशय की जानकारी मिली तब वैसे सभी व्याख्याता डा. अजीत कुमार, प्रो. आनंद कुमार शाही, प्रो. वीरेंद्र प्रसाद सिंह, डा. ज्योतिनारायण सिंह और डा. अमरनाथ शर्मा ने 13 मार्च 2010 को पुनरीक्षित वेतनमान के लाभ के लिए विहित प्रपत्र कुलसचिव को दिया। उनके आवेदन की सुधि लेते हुए कुलसचिव ने संबंधित लिपिक से संचिका की मांग की। मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बाद में विवि ने 199 कीजगह 182 शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान देने की अधिसूचना जारी कर दिया। इसमें एमपीएस साइंस कॉलेज सहित कई कॉलेजों के कुल 17 व्याख्याताओं का नाम शामिल नहीं है।
''संशोधित वेतनमान में जिनका वेतन निर्धारण नहीं हो पाया है, वे पाईप लाईन में हैं। उनके वेतन निर्धारण का काम भी जल्द हो जाएगा-''डा. विभाष कुमार यादव,कुलसचिव(दैनिक जागरण संवाददाता,मुजफ्फरपुर,3.12.2010)

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