दिल्लीवासियों के लिए नर्सरी कक्षा में पढ़ाई के लिए अब पब्लिक स्कूल ही एक मात्र विकल्प नहीं हंै। दिल्ली सरकार के 216 स्कूलों में 17 हजार से अधिक बच्चों का नर्सरी कक्षा में दाखिला होगा। सरकारी और पब्लिक स्कूल में नर्सरी दाखिले का समय एक ही होगा। इसके लिए सरकारी दिशा-निर्देश का इंतजार है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने कुछ सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षा की व्यवस्था शुरू की दी थी, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग वहां तक नहीं पहुंच सके थे। दिल्ली सरकार ने नर्सरी की पढ़ाई के लिए स्कूलों की संख्या में काफी इजाफा कर दिया है। सरकार की मंशा है कि नर्सरी में पढ़ाई के लिए राजधानीवासियों की निर्भरता पब्लिक स्कूलों पर खत्म हो। पब्लिक स्कूलों का जो रवैया अभिभावकों के साथ रहता है, वह ठीक नहीं है। उसको देखते हुए दिल्ली सरकार के सेकेंडरी स्कूलों में नर्सरी पढ़ाई का दायरा धीरे-धीरे बढ़ना लोगों के लिए सुकून भरा है। सरकार ने चयनित सभी स्कूलों में नर्सरी कक्षा में सीटों की संख्या 80 रखी है। इनमें 40 हिन्दी माध्यम और 40 अंग्रेजी माध्यम के लिए होंगी। इन स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया 18 फरवरी से शुरू की जाएगी। दाखिले के लिए उसी को उपयुक्त माना जाएगा, जिस बच्चे का घर स्कूल के दो किलोमीटर के दायरे में होगा। नगर निगम स्कूल में कक्षा एक से पांचवीं तक पढ़ाई होती है। यहीं से छठी कक्षा में बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाता था। नर्सरी कक्षा से पढ़ाई न तो निगम स्कूलों में होती थी न ही दिल्ली सरकार के स्कूलों में। राजधानी में नर्सरी कक्षा से बच्चों को पढ़ाने का लोगों में बढ़ते क्रेज को देखते हुए ही दिल्ली सरकार ने पिछले साल कुछ सेकेंडरी स्कूलों में नर्सरी कक्षा की पढ़ाई शुरू करवाई थी, जो काफी सफल रही। उसकी सफलता को देखते हुए ही सरकार ने स्कूलों की संख्या में इजाफा कर उनकी संख्या 216 कर दी है। पिछले साल करीब आठ हजार बच्चों ने सरकारी स्कूलों में नर्सरी में दाखिला लिया था। इस साल सीटें बढ़ाकर 17 हजार कर दी गई हैं(विभूति कुमार रस्तोगी,दैनिक जागरण,दिल्ली,9.12.2010)।
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