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03 दिसंबर 2010

बिहारःशिक्षक नियुक्ति में 1970 के प्रशिक्षितों को भी जगह

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने 34540 शिक्षक अभ्यर्थियों की जो वरीयता सूची बनायी है, उसमें सामान्य कोटि के वर्ष 1970 के प्रशिक्षितों को भी जगह मिली है. इस कोटि में कुल 14734 अभ्यर्थी शामिल हैं.

58-59 वर्ष वालों को मौका
इससे साफ हो गया है. कि इस नियुक्ति के तहत कई ऐसे भी शिक्षक बनेंगे, जिनकी आयु 58-59 वर्ष की हो चुकी है. ऐसे में नियुक्ति के छह माह से लेकर दो वर्ष के अंदर भी कई शिक्षक अवकाश प्राप्त कर लेंगे. राज्य सरकार ने वरीयता सूची को सुप्रीम कोर्ट और याचिकाकर्ताओं के वकील को सौंप दी है.


इधर, इस मुद्दे को प्रमुखता से सुप्रीम कोर्ट में उठाने का निर्णय याचिकाकर्ताओं ने लिया है.याचिकाकर्ता एनके ओझा ने बताया कि छह दिसंबर को वरीयता सूची को लेकर वे लोग अपनी आपत्ति सुप्रीम कोर्ट में दर्ज करेंगे. इसके अलावा याचिकाकर्ताओं को वरीयता सूची में प्राथमिकता देने का मामला भी न्यायालय में उठाया जायेगा. मात्र दस फीसदी याचिकाकर्ता ही इस सूची में शामिल हो पाये हैं.

सात को फैसला संभावित 
उन्होंने बताया कि 19 हजार मुख्य याचिकाकर्ता व दस हजार इंटरवेनर हैं. सात दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में अपना फैसला सुनायेगी . विदित हो कि 34540 प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार को वरीयता के आधार पर करनी है. मिली जानकारी के अनुसार बीसी-टू कोटि में वर्ष 1982-84 प्रशिक्षण सत्र से 86-88 तक के 3818 अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है.

बीसी-वन में 82-84 से लेकर 2006 तक के 3948 अभ्यर्थी शामिल हैं. एससी कोटि में भी सभी अभ्यर्थियों को शामिल कर लिया गया है. सामान्य कोटि में 2005 सत्र तक के 101 नेत्रहीन, 2005 सत्र तक के ही 93 वधिर व वर्ष 1988 सत्र तक के 153 विकलांग अभ्यर्थियों ( हड्डी से संबंधित) को सूची में शामिल किया गया है(प्रभात खबर,रांची,2.12.2010).

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