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09 दिसंबर 2010

अब एक ही परीक्षा के जरिए मिलेगी 20 बैंकों में नौकरी

भविष्य में बैंकों की नौकरी के लिए आवेदन करने वालों के लिए यह खुशखबरी है। अगले साल से सार्वजनिक उपक्रम के बैंकों में भर्ती के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसमें स्टेट बैंक समूह के बैंक शामिल नहीं होंगे। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चीफ एग्जीक्यूटिव के रामकृष्णन ने बताया कि विज्ञापन से लेकर परीक्षा व इंटरव्यू तक भर्ती प्रक्रिया फिलहाल करीब एक साल ले लेती है। नई व्यवस्था में इस अवधि बहुत ज्यादा कमी आ जाएगी। पैन इंडियन कॉमन टैस्ट के जरिए अब एक तिहाई समय में ही काम हो जाएगा।रामकृष्णन ने बाताया कि 2011 से देशभर में ऐसी चार परीक्षाएं करवाए जाने की योजना है।


परीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) करवाएगी।

परीक्षा के लाभ :
परीक्षा मुख्य रूप से क्लर्क ग्रेड व एंट्री प्वाइंट अफसरों के पदों के लिए होगी। परिणाम के रूप में एक स्कोरकार्ड दिया जाएगा जो डेढ़ साल तक मान्य रहेंगे। इस दौरान भर्ती के जितने विज्ञापन निकलें, इस स्कोरकार्ड के आधार पर परीक्षार्थी आवेदन कर सीधे इंटरव्यू में शामिल हो सकेंगे। उन्हें फिर से लिखित परीक्षा में शामिल होने की जरूरत नहीं रहेगी। निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद फिर से परीक्षा देनी होगी। 


20 बैंक : इस परीक्षा योजना से भर्ती के लिए पब्लिक सेक्टर के 20 बैंक सहमत हो गए हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समूह इसमें शामिल नहीं होगा क्योंकि उसकी भर्ती प्रक्रिया अलग है(दैनिक भास्कर,मुंबई,9.12.2010)।


नवभारत टाइम्स की रिपोर्टः
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नौकरी के लिए अब आपको अलग-अलग परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। अगले साल से सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के लिए देशभर में एक साथ एक ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में आने वाले समय में कर्मचारियों की भर्ती तेज होगी। वर्तमान में विज्ञापन निकालने से लेकर परीक्षा आयोजित करने और फिर साक्षात्कार के लिए बुलाने तक करीब सालभर का समय लग जाता है। साझा परीक्षा आयोजित होने से इस प्रक्रिया में लगने वाले समय की काफी बचत होगी।


भारत बैंक संघ (आईबीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के. रामकृष्णनन ने बुधवार को यहां बताया, 'अब बैंकों में भर्ती के लिए देशभर में एक साझा परीक्षा आयोजित की जाएगी, इससे भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा।' हालांकि, उन्होंने बताया कि स्टेट बैंक समूह इससे साझा परीक्षा से अलग रहेगा और उसकी अपनी भर्ती प्रक्रिया काम करती रहेगी।


उन्होंने कहा हर साल इस तरह की तीन से चार परीक्षायें आयोजित की जाएंगी और यह सब अगले साल यानी 2011 से शुरू हो जाएगा। परीक्षा का आयोजन 'बैंकिंग कर्मि चयन संस्थान' द्वारा किया जाएगा। संस्थान परीक्षार्थियों के परिणाम घोषित करेगा और उन्हें रैंकिंग देगा जो कि अगले एक से डेढ़ साल तक वैध होगी।
उन्होंने कहा कि ये परीक्षाएं मुख्यतौर पर लिपिकों और प्राथमिक अधिकारियों के पदों के लिये आयोजित की जाएंगी। इस तरह बैंक में रोजगार चाहने वालों को अब हर बार अलग-अलग बैंक के लिए परीक्षा में नहीं बैठना पडे़गा।


रामकृष्णनन ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली परीक्षा में उत्तीर्ण रहने वाले परीक्षार्थियों को किसी बैंक का नौकरी के लिए विज्ञापन आने पर अपनी रैंकिंग के बारे में बताना होगा और सीधे साक्षात्कार के लिए वहां जाना होगा। उन्होंने बताया कि अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के 20 बैंक इस विचार को स्वीकार कर चुके हैं।


उन्होंने कहा ' इस तरह की परीक्षा के जरिए हम परीक्षा में सफल लोगों का एक समूह बनायेंगे , जिन बैंकों को जरूरत होगी वह इस समूह से चयन कर नौकरी पर रख सकेंगे। '


उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के सफल रहने पर संस्थान आगे चलकर बैंकों में विशेष अधिकारियों , ग्रामीण अधिकारियों , कानून और कृषि विशेषज्ञों तथा लेखाकार के लिए भी साझा परीक्षाओं का आयोजन करेगा।

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