झारखंड में दारोगा बहाली की प्रक्रिया जिस गति से चल रही है, उससे साफ है कि इस वर्ष प्रक्रिया पूरी नहीं होगी. 2011 में प्रक्रिया पूरी कर दारोगा की नियुक्ति करने की संभावना कम ही लगती है. वर्ष 2008 से 800 दारोगा की बहाली की प्रक्रिया चल रही है.
हाल यह है कि यहां नियुक्त होने के दिन से ही कई दारोगा की उम्र 40 पार कर जायेगी. क्योंकि एससी/एसटी के लिए अधिकतम उम्र सीमा 38 वर्ष तय है. इस तरह फॉर्म भरते वक्त जिस उम्मीदवार की उम्र 38 वर्ष होगी, वह अब 41 पार कर चुके हैं.
नियुक्त होते-होते 42-43 के हो जायेंगे. पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं पता नहीं ऐसे दारोगा को कैसे ट्रेनिंग दी जा सकेगी. उन्हें कैसे नक्सलियों के खिलाफ मोरचा लेने में लगाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि विभिन्न प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्यों की सरकारों से 40 वर्ष से कम उम्र के पदाधिकारियों को भेजने के लिए ही कहती है.
चार साल में बन जायेंगे सार्जेट मेजर
दारोगा के साथ-साथ रिक्त पड़े सार्जेट के 71 पदों के लिए विज्ञान प्रकाशित किये गये थे. इसके लिए भी शारीरिक जांच हो चुकी है. सार्जेट के मामले में चौंकानेवाला पहलू यह है कि नियुक्ति के बाद सिर्फ चार साल के भीतर ही एससी/एसटी सार्जेट, सार्जेट मेजर के पद पर प्रोन्नत हो जायेंगे. उल्लेखनीय है कि आज की तारीख में एससी/एसटी कोटा में सार्जेट मेजर के 12 पद रिक्त हैं.
ऐसे चल रही है बहाली प्रक्रिया
वर्ष 2008 : दारोगा बहाली का विज्ञापन निकला. साथ में उम्मीदवारों की उम्र सीमा को लेकर विवाद उठा. उम्मीदवार हाइकोर्ट गये.वर्ष 2009: हाइकोर्ट के आदेश पर सामान्य जाति के लिए 35 और एससी/एसटी के लिए 38 वर्ष के उम्मीदवारों की शारीरिक जांच भी शुरू करने का निर्णय लिया गया.
वर्ष 2010: विभिन्न प्रमंडलों में गठित नियुक्ति समिति ने उम्मीदवारों की शारीरिक जांच प्रक्रिया पूरी की.
अब जो स्थिति है
पुलिस मुख्यालय ने लिखित परीक्षा के लिए नोमिनेशन के आधार पर एक एजेंसी का चयन किया. एजेंसी को लिखित परीक्षा के लिए अधिकृत करने का प्रस्ताव सितंबर माह में ही पुलिस मुख्यालय ने सरकार को भेजा. लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है(सुरजीत सिंह,प्रभात खबर,रांची,10.12.2010).
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।