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12 दिसंबर 2010

दिल्ली : स्कूली समस्याओं का होगा नि:शुल्क निदान

राजधानी के स्कूलों के रवैए से परेशान छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटने होंगे।

दिल्ली सरकार के कानून विभाग की पहल पर अब दिल्ली के हर जिले में शिक्षा निदेशालय की ओर से मेडिएशन सेंटर स्थापित किए गए हैं जो छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों की समस्याओं का निदान करेंगे। इन सेंटरों में स्कूली शिक्षा से संबंधित परेशानियों का निदान नि:शुल्क प्राप्त किया जा सकता है।

निदेशालय की ओर से उपलब्ध इस सुविधा का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए अब शिक्षा निदेशालय ने अपने सभी जिला उप शिक्षा निदेशकों को इस संबंध में आम आदमी को जागरूक करने का आदेश दिया है।

निदेशालय का मानना है कि उप शिक्षा निदेशक इस संबंध में शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोगों को जानकारी देंगे, जिससे वे इस सुविधा का लाभ उठा सकें। अतिरिक्त शिक्षा निदेशक केके सयाल की ओर से इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


इसमें साफ किया गया है कि दिल्ली सरकार की ओर से ऐसे सेंटर दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए जा चुके हैं और अन्य स्थानों पर इन्हें शुरू करने का काम जारी है। शिक्षा अधिकारियों को बताया गया है कि अक्सर शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों से संबंधित ऐसे विवाद होते हैं, जिनका निपटारा न होने से स्कूल की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ता है। 

ऐसे मामलों को भी जिला मध्यस्थता सेंटरों में भेजा जा सकता है।उल्लेखनीय है इन सेंटरों में अभी तक चेक बाउंसिंग, ट्रिब्यूनल, सरकारी एंजेसियों और अन्य मामलों से संबंधित विवादों को सुलझाया जाता है। 

चूंकि इन सेंटरों में किसी प्रकार की राशि का भुगतान किए बिना समस्याओं का निपटारा होता है, इसलिए शैक्षणिक संस्थानों के लिए ये काफी कारगार साबित हो सकते हैं।

एमसीडी स्कूलों के छात्रों के घरों का होगा सर्वे
नगर निगम स्कूलों में बेहतर शिक्षा देने और बच्चों की पारिवारिक स्थिति की सही जानकारी इकट्ठा करने के लिए एमसीडी अध्यापक शनिवार से बच्चों के घर-घर जाकर संपर्क करेंगे। निगम के 14 हजार शिक्षक 11-12 दिसंबर को छात्रों के घरों का दौरा करेंगे। 

सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत निगम के शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों के घर में छह साल से 14 साल की आयु वर्ग के बच्चों की जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि कोई बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है तो उसका कारण जानने की कोशिश करेंगे। 

निगम के शिक्षक न केवल इन बच्चों की जानकारी इकट्ठा करेंगे, बल्कि बच्चे की पारिवारिक स्थिति भी जानेंगे। मसलन बच्चे का मकान नंबर या मकान किस तरह की कॉलोनी में है, इसके बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। 

बच्चे के घर की आमदनी, सामाजिक स्थिति, धर्म और उसके घर में कौन भाषा बोली जाती है, इन सभी बातों को नोट किया जाएगा। परिवार का शैक्षिक ग्राउंड व फोन नंबर इत्यादि बातों का सर्वे किया जाएगा। 

परिवार में यदि कोई विकलांग या मंदबुद्धि बच्चा है तो उसके संबंध में विस्तृत जानकारी एकत्रित की जाएगी। निगम में शिक्षा समिति के अध्यक्ष महेन्द्र नागपाल ने बताया कि राजधानी के 181 वाडरें में यह सर्वे किया जाएगा। 

सर्वे में शिक्षकों के अलावा प्रधानाचार्य, विद्यालय निरीक्षक, सहायक निरीक्षक एवं उपशिक्षा अधिकारी भी शामिल होंगे। शिक्षा के अधिकार के तहत सभी बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए यह कदम उठाया गया है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,11.12.2010)।

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