सरकारी अधिकारी ही सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। सरकार ने प्रतिनियुक्ति के सभी आदेश रद कर दिए हैं, लेकिन कोटकासिम ब्लॉक में इस समय भी 20 से अधिक अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। अब यह मेहरबानी किस आधार पर चल रही है इसको लेकर अधिकारी भी चुप हैं। गौरतलब है कि सरकार ने नवंबर माह में एक आदेश जारी करके सभी प्रतिनुयुक्ति को रद कर दिया, लेकिन सरकार के इस आदेश बाद भी कोटकासिम ब्लॉक क्षेत्र में ऐसे करीब 20 अध्यापक हैं जो कि प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। सरकार के आदेश के बाद भी उन्हें उनके मूल स्थान पर वापिस नहीं भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि प्रतिनियुक्तियों के चलते पढ़ाई सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। प्रनियुक्तियों में अक्सर देखा जाता है कि अध्यापक अथवा अधिकारी अपने नजदीकी क्षेत्र में आने के लिए इसका सहारा लेते हैं। उन्हें अपने मूल कार्यस्थल से कुछ लेना-देना नहीं होता है। ऐसे में सरकारी नियमों की पालना करने वाले ही नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं।
आखिर कार्रवाई क्यों नहीं
सरकार की ओर से प्रतिनियुक्तियां रद कर देने के बाद भी डेढ़ दर्जन से अधिक अध्यापकों को उनके मूल तैनाती स्थल पर न भेजने की मेहरबानी क्यों की जा रही है, इसकी वजह स्पष्टï नहीं हो सकी है। इस बाबत जब खंड शिक्षा अधिकारी राजबीर सिंह से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि खंड में एक भी अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर नहीं है(दैनिक भास्कर,कोटाकासिम,12.12.2010)।
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