दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यवस्था दी है कि यदि कोई कंपनी अपना काम-काज बंद करने का फैसला करती है तो उसकी संपत्ति पर सबसे पहला हक उसके कर्मचारियों का है। कोर्ट भारतीय औद्योगिक वित्त निगम की याचिका की सुनवाई कर रहा था।
निगम ने टेलिकॉम कारोबार के लिए कोशिका टेलिकॉम को कर्ज दिया था। निगम ने उसकी कुछ सचल संपत्ति कर्ज के एवज में बतौर गिरवी रखी थी। बाद में यह कंपनी कर्ज अदा नहीं कर सकी। इसके बाद निगम ने 230 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज की वसूली के लिए प्रक्रिया शुरू की।
वसूली की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कंपनी ने कोर्ट में राहत के लिए गुहार लगाई थी। इस पर डिवीजन बेंच ने कहा, ‘सबसे पहले कर्मचारियों के दावों को निपटारा किया जाए।’(दैनिक भास्कर,दिल्ली,12.12.2010)
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