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29 दिसंबर 2010

यूपीःदो साल से पहले नहीं हटेंगे पुलिस अधिकारी

दारोगा से लेकर अपर पुलिस महानिदेशक स्तर तक के किसी भी अधिकारी को अगर उसकी तैनाती वाले पद से दो साल से पहले हटाया जाता है तो सरकार को उसकी लिखित वजह बतानी होगी। सुप्रीम कोर्ट की संस्तुति के आधार पर सरकार ने वजह बताने पर अपनी हामी भर दी। इसका शासनादेश भी जारी हो गया। इसके साथ ही सरकार ने मंगलवार को राज्य स्तरीय पुलिस स्थापना बोर्ड का निर्णय भी किया है। यह बोर्ड अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) से लेकर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अधिकारियों की तैनाती एवं तबादले की संस्तुति करेगा। अभी तक सिविल सर्विस बोर्ड के जरिये इन अधिकारियों के तबादले किए जाते रहे हैं। सुप्रीमकोर्ट ने इस व्यवस्था पर नाराजगी जतायी थी।
इसके दृष्टिगत सरकार ने राज्य स्तरीय पुलिस बोर्ड का गठन कर डीजीपी को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है। एडीजी कार्मिक, आईजी कार्मिक, आईजी प्रशासन और आईजी स्थापना को बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। बोर्ड की संस्तुति के आधार पर सिविल सर्विस बोर्ड अधिकारियों की तैनाती करेगा। डीएसपी और सहायक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के तबादले और तैनाती का काम पहले से बना पुलिस स्थापना बोर्ड अब इन अधिकारियों की सीधे तैनाती करेगा। जबकि अभी तक ये बोर्ड संस्तुति करता था। प्रभारी निरीक्षक एवं थानाध्यक्ष की तैनाती एवं स्थानान्तरण के लिए बना बोर्ड पूर्व की तरह अपना काम देखेगा।
मंगलवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि इस बोर्ड की संस्तुति पर तैनात किये गए पुलिस अधिकारी की तैनाती जिले में दो वर्ष की होगी और तबादला किये जाने पर लिखित में अनिवार्य रूप से हटाये जाने का कारण बताना होगा, जबकि पूर्व में जारी किए गए शासनादेश में इस तरह का प्राविधान नहीं किया गया था। जिस पर सुप्रीमकोर्ट ने आपत्ति की थी। अब इस नयी व्यवस्था से जिलों में पुलिस अफसरों को तैनात करने एवं उनको हटाने के मामले में शासन का दखल नहीं होगा और डीजीपी ही जिलों में पुलिस अफसरों की तैनाती के लिए जिम्मेदार माने जायेंगे। डीजीपी की तैनाती को लेकर 2 दिसंबर को जारी किए गए शासनादेश में बदलाव नही किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि डीजीपी का चयन मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह एवं प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री की समिति ही करेगी। गृंह विभाग के अफसरों का कहना है कि 10 जनवरी को सुप्रीमकोर्ट में राज्य में लागू की गयी इस व्यवस्था की जानकारी दी जायेगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,29.12.2010)।

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