गौतमबुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय (जीबीटीयू) की कार्यपरिषद ने तोहफों से सबकी झोली भर दी है। सेवानिवृत्त होने के बाद प्राइवेट कॉलेजों का रुख करने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) शिक्षक अब यहीं पढ़ा सकेंगे। कार्यपरिषद ने इसका रास्ता साफ कर दिया है। शिक्षकों को अंतिम वेतन से पेंशन काटकर तनख्वाह दी जाएगी। इनकी नियुक्ति एक साल के लिए कांट्रेक्ट के आधार पर होगी। जीबीटीयू के प्रति कुलपति प्रो. वीके सिंह ने बताया कि अनुभवी शिक्षकों को रोकने के लिए जीबीटीयू प्रशासन ने यह कदम उठाया है। शनिवार को हुई कार्यपरिषद कर्मचारियों के लिए भी खासी अच्छी रही। परिषद ने वेतनवृद्धि पर अनुमोदन कर दिया है। हड़ताल और कार्य बहिष्कार के दिनों का वेतन आगे ईएल में समायोजित किया जाएगा। जीबीटीयू कर्मचारियों के नियमितीकरण की कार्यवाही भी शासन के निर्देशों के अनुपालन में आगे बढ़ाई जाएगी। कार्यपरिषद ने विवि के अपने भवन का निर्माण कराने का निर्देश भी जारी कर दिया है। विवि की 35 एकड़ की जमीन खरीदी जा चुकी है, इसका निर्माण, एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा। राज्यपाल भी पहले इस बाबत निर्देश दे चुके हैं। जीबीटीयू के अपने नियम-कानून भी बना दिये गए हैं। जीबीटीयू में पिछले दस सालों से बिना नियम के ही कार्यप्रणाली चल रही थी, अब शासन द्वारा तय किये गए नियम-कानूनों को कार्यपरिषद ने लागू कर दिया है। आइईटी शिक्षकों के एसोसिएशन के लिए कार्यपरिषद ने एनओसी जारी कर दी है। इससे एसोसिएशन बनाने का रास्ता साफ हो गया है। रखा गया दीक्षांत समारोह का ब्योरा कार्यपरिषद में दीक्षांत समारोह की तैयारियों का ब्यौरा भी रखा गया। दीक्षांत समारोह में 14 गोल्ड और 14 सिल्वर मेडल दिये जाएंगे। 70 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले तकरीबन 12000 विद्यार्थियों को तुरंत डिग्री दी जाएगी(दैनिक जागरण, लखनऊ,५.१२.२०१० )।
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