पीयू ने बोस्टन विवाद के बाद हुई बदनामी पर हिदायतों का पर्दा डालने की कोशिश की है। इस केस में किसी की जिम्मेदारी तय करने के बजाय सिर्फ हिदायतें दी गई हैं।
बोस्टन विवाद पर गठित कमेटी की रिपोर्ट में छात्रों, कर्मचारी की लापरवाही और प्रशासिनक स्तर पर तालमेल की कमी मानी गई है। लेकिन कमेटी ने किसी पर भी कार्रवाई से गुरेज किया है। यहां तक कि पीयू के इंस्टीट्यूट के बजाय गलत इंस्टीट्यूट का नाम देकर बोस्टन जाने वालों पर भी सख्ती के संकेत नहीं हैं।
शनिवार को पीयू सीनेट की बैठक में रखी गई तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया गया। इस साल फरवरी के पहले हफ्ते में पीयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस) से 21 छात्र बोस्टन स्थित एनजीओ एचएनएमयूएन की कॉन्फ्रेंस में शिरकत के लिए आधिकारिक तौर पर गए थे। रीजनल सेंटर लुधियाना से भी 13 स्टूडेंट बोस्टन गए। पीयू से 41 स्टूडेंट ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए वहां पहुंचे।
इन छात्रों ने खुद को यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ का छात्र बताया। बोस्टन में एक युवती ने एक छात्र पर रेप की कोशिश के आरोप लगाए थे। हालांकि युवती ने बाद में आरोप वापस ले लिए, लेकिन बोस्टन जाने में हुई गड़बड़ियां सामने आईं। पीयू की छवि खराब हुई तो जांच का जिम्मा पूर्व आईएफएस आईएस चड्ढा की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपा गया।
जांच कमेटी ने पाया
छात्रों ने यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ (जो है ही नहीं) का गलत नाम देकर रजिस्ट्रेशन कराई। छात्रों ने कमेटी के सामने इस धोखाधड़ी के आचारण को गलत नहीं माना।छात्रों ने कहा कि स्टूडेंट्स काउंसिल के डेलीगेशन के तौर पर बोस्टन गए थे, जबकि स्टूडेंट्स काउंसिल कोई संस्थान नहीं बल्कि एक बॉडी है।रीजनल सेंटर ऑफिस इंचार्ज ने सेलेक्शन प्रोसेस के बगैर ही छात्रों को बोस्टन जाने की इजाजत दी।यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ के नाम पर गए 41 छात्रों में दो आउटसाइडर भी थे।पीयू के यूआईएलएस, लॉ डिपार्टमेंट और रीजनल सेंटर में तालमेल की कमी थी।छात्रों का आचरण मिसकंडक्ट का हिस्सा था।
कमेटी की हिदायतें
भविष्य में ऐसे आयोजनों में कम छात्रों को एहतियात के साथ चेक करके भेजा जाए।यूआईएलएस ही नहीं पीयू में इंटरनेशनल अफेयर्स से संबंधित सभी छात्र ऐसे आयोजन में जा सकें भविष्य में पीयू ही छात्रों से आवेदन लेकर डेलीगेशन का चयन करे।विदेशी दौरे से वापस आए छात्रों से कॉन्फ्रेंस के अनुभव, सुझाव के साथ विस्तृत रिपोर्ट ली जाए। भविष्य में एचएनएमयूएन के लिए पीयू से सिर्फ एक ही टीम जाए(अधीर रोहाल,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,5.12.2010)।
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