सरकार राष्ट्रीय पाठ्य-पुस्तक परिषद् स्थापित करना चाहती है। केन्द्र ने इस बारे में राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से राय मांगी है। प्रस्तावित परिषद् स्कूलों में पढ़ाई जा रही किताबों पर नज़र रखेगी ताकि शिक्षा का स्तर बनाये रखा जा सके और छात्रों को अच्छी गुणवत्ता और स्तरीय पाठ्यसामग्री वाली पुस्तकें ही उपलब्ध हो सकें। सरकारी सूत्रों ने नई दिल्ली में बताया कि केन्द्र को इस बारे में 22 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के विचार प्राप्त हो गये हैं। केवल तीन राज्यों ने प्रस्ताव पर अलग राय व्यक्त की है। हमारे संवाददाता का कहना है कि इस परिषद् की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की सिफारिश पर किया गया है(आकाशवाणी संवाददाता,दिल्ली,५.१२.२०१०)।
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