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30 दिसंबर 2010

उत्तराखंडःपटरी से उतरी है शिक्षा व्यवस्था

उत्तराखंड में उच्च शिक्षा की गाड़ी पटरी से उतरी हुई है। लंबे समय से सत्र विलंब से चल रहे हैं। परीक्षा परिणाम समय से जारी करने में भी विवि सफल नहीं हो रहे। तमाम विवि कई वर्षो से बीएड प्रवेश परीक्षा तक समय से नहीं करा पाए। इस वर्ष भी अभी तक तीनों विवि प्रवेश परीक्षा नहीं करा पाए हैं। एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि दिसंबर माह तक अंक सुधार परीक्षा का परिणाम जारी कर पाया है। ऐसे में यूजीसी के मानकों की धज्जियां तो उड़ ही रही हैं, शिक्षा का स्तर भी गिर रहा है। राज्य के सबसे बड़े विवि एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि को राज्य में उच्च शिक्षा को नये आयाम देने वाले संस्थान के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन विवि का केवल स्टेटस बदला, काम करने का ढर्रा नहीं। 15 जनवरी, 2009 से केंद्रीय विवि का दर्जा मिलने के लगभग दो वर्ष बाद भी विवि के अधिकारियों के रवैये में कोई फर्क आया और न ही कार्यशैली में। आलम यह है कि संबद्ध संस्थानों के प्रति विवि का रवैया ढोने वाला है। बीएड प्रवेश परीक्षा और सत्रांत परीक्षाओं के प्रति विवि की गंभीरता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्र 2009-10 के प्रवेश अभी तक जारी हैं। ऐसे में सत्रांत परीक्षा और 2010-11 के लिए प्रवेश परीक्षा विवि कब आयोजित कराएगा। सत्र विलंब से चलने के पीछे प्रवेश प्रक्रिया और परिणाम जारी नहीं किया जाना है। सत्र 2010-11 के सामान्य पाठ्यक्रमों मेंप्रवेश प्रक्रिया कब तक चलेगी कहा नहीं जा सकता। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में विवि ने अंक सुधार परीक्षाओं का परिणाम जारी किया। जिसकी अंकतालिकाएं शायद जनवरी मध्य तक छात्रों को मिल पाएंगी, इसके बाद ही आगामी कक्षाओं में प्रवेश होंगे। केंद्रीय विवि की तरह ही कुमाऊं विवि व तकनीकी विवि में शेष सत्र भले ही समय से थोड़ा आगे पीछे चल रहे हों, लेकिन बीएड की स्थिति यहां भी ठीक नहीं है। दोनों ही विवि अभी तक वर्तमान सत्र के लिए प्रवेश परीक्षाएं नहीं करा पाए। आम तौर पर इस वक्ततक आधा सत्र गुजर चुका होता है, लेकिन उत्तराखंड में तो अभी सत्र शुरू ही नहीं हो पाए। संबद्ध संस्थानों की बात करें तो यहां भी ऐसा ही आलम है। राजकीय महाविद्यालयों में स्थाई शिक्षकों की भारी कमी है तो निजी संस्थानों में स्तरीय शिक्षक नहीं है। सभी मामलों में विवि का एक ही जवाब रहता है। प्रयास जारी हैं, शीघ्र ही सत्र व परीक्षाओं का कार्य ढर्रे पर आएगा। केंद्रीय विवि के कुलसचिव डॉ. यूएस रावत का कहना है कि बीएड का सत्र में निजी संस्थानों की मनमानी के कारण देरी होती है। बीते सत्र की प्रवेश सूची उपलब्ध नहीं कराने तक आगामी सत्र में प्रवेश शुरू नहीं हो सकते। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. एलजे सिंह का कहना है कि अंक सुधार परीक्षाओं के परिणाम जारी कर दिए गए हैं व अंक तालिकाएं भी महाविद्यालयों को भेजी जा रही हैं(दैनिकजागरण,देहरादून,30.12.2010)।

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