बीएमसी अपने स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को पठन-पाठन के सभी 27 सामान मुफ्त में देती रहेगी। इस पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।
बुधवार को स्थायी समिति की बैठक में सभागृह नेता सुनील प्रभु ने शंका जाहिर की कि जिन कारणों से बीएमसी के स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ी है, बीएमसी उस योजना को ही बंद करने जा रही है। बीजेपी के भालाचंद्र शिरसाट ने पूरे विस्तार से बताया कि एडिशनल कमिश्नर एम.एम. अडतानी, शिक्षा विभाग के डिप्टी म्यूनिसिपल अरविंद हिरे व शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर एक ऐसा मसौदा तैयार किया कि छात्रों को दिए जाने वाले सभी 27 सामानों में से सिर्फ स्कूल यूनिफार्म और जूता ही दिया जाए, अन्य 25 सामनों के वितरण को बंदी लगा दी जाए।
इस पर कमिश्नर स्वाधीन क्षत्रिय ने सदस्यों को बताया कि बीएमसी के स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को 27 सामान बांटती रहेगी। इसे रोका नहीं जाएगा, क्योंकि इससे छात्रों संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए इस योजना को बंद करने का सवाल ही नहीं है। ये सभी सामान बीएमसी बच्चों को मुफ्त में देती है(नवभारत टाइम्स,मुंबई,30.12.2010)।
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