प्री-प्राइमरी शिक्षा को एक साल करने और कम से कम चार साल के बच्चे को स्कूल में दाखिला देने के संबंध में अदालत के आदेश का पालन न करने के मामले में दायर याचिका पर उच्च न्यायालय ने कहा है कि याचिकाकर्ता पहले उन स्कूलों की सूची दायर करे, जिनमें अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए चार साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला दिया जा रहा है।
सोशल जूरिस्ट, ए सिविल राइट ग्रुप की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि अदालत के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए दिल्ली सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
सरकार की तरफ से उच्च न्यायालय में बताया गया है कि ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। सभी स्कूलों में चार साल की उम्र के बच्चों को ही दाखिला दिया जा रहा है।
सोशल जूरिस्ट ने अपने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के जरिये दायर याचिका में कहा है कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए क्योंकि उन्होंने उच्च न्यायालय के 26 सितंबर 2007 के आदेश का पालन नहीं किया है। याचिका में बताया गया है कि सरकार की ओर से दायर हलफनामे के बाद आदेश दिया गया था कि सरकार सभी स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षा को दो साल के बजाय एक साल कर देगी और कम से कम चार साल के बच्चे को स्कूल में दाखिला दिया जाएगा। यह आदेश 2008-2009 शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाना था, लेकिन अब तक नहीं किया गया है(दैनिक जागरण संवाददाता,दिल्ली,23.12.2010)।
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