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23 दिसंबर 2010

नेटःसारगर्भित उत्तर से मिलेगी सफलता

समाज में प्रोफेसर और लेक्चरर को काफी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद पद के साथ-साथ सैलरी भी काफी हो गई है। यही कारण है कि यूजीसी परीक्षा में काफी संख्या में स्टूडेंट्स बैठने लगे हैं। यूजीसी जेआरएफ और नेट की परीक्षा 26 दिसंबर को होनी है। इसके लिए आप तैयारी को अंतिम रूप देने में जुट गए होंगे। इसमें सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स के हाथ लगेगी, जो काफी कठिन मेहनत करने के साथ ही व्यावहारिक सोच भी रखते हैं। यदि आप भी इस परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके हैं और इसकी तैयारी में जुटे हैं, तो हम आपके लिए कुछ खास स्ट्रेटेजी बता रहे हैं, जिससे आप इस बचे हुए समय में बेहतर तैयारी करने में सफल हो सकें। सबसे पहले अपना टारगेट फिक्स करें। अब समय काफी कम हैं। इसलिए ऐसा टारगेट बनाना जरूरी हो जाता है। क्वालिफाइंग पेपर के लिए पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन तथा समसामयिक मुद्दों व घटनाओं से संबंधित तथ्यों का संकलन क्वालीफाइंग की शर्त को आसान बना सकता है।

समय का बंटवारा जरूरी

इसके लिए चार सौ अंकों की लिखित परीक्षा दो चरणों में होगी। इसमें तीन प्रश्नपत्र होंगे। पहला प्रश्नपत्र सामान्य स्तर का होगा। इस पेपर का मुख्य उद्देश्य परीक्षार्थी की शिक्षण एवं शोध क्षमता की जानकारी करना है। इसके साथ ही इसके अंतर्गत रीजनिंग एबिलिटी, कॉम्प्रिहेंसन, डाइवरजेंट थिंकिंग ऐंड जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। यह पेपर सभी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा तथा इसके लिए सौ अंक तथा सवा घंटा निर्धारित है। आपके लिए जरूरी है कि तैयारी के समय ही उसके महत्व के अनुसार पढाई करें। इसके लिए यदि आप अभी से सिर्फ एक घंटा का अभ्यास करते हैं, तो इस विषय की तैयारी के लिए काफी है। आपके लिए जरूरी है कि आप अभी इस पर अमल करना शुरू कर दें। इसी तरह द्वितीय प्रश्नपत्र में अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विषय से संबंधित 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं। इसके लिए भी सौ अंक तथा समय सवा घंटा है। आप किसी संबंधित गाइड से विषय से संबंधित प्रश्नों की तैयारी के लिए भी समय निर्धारित कर लें।


गहन अध्ययन जरूरी
तीसरा और दूसरा प्रश्नपत्र काफी अहम होता है और इसी विषय में परफॉरमेंस के आधार पर आपका चयन काफी हद तक निर्धारित होता है। जैसा कि आप जानते हैं कि तीसरा प्रश्नपत्र अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विषय से संबंधित होता है, जिसके प्रश्न डिस्क्रिप्टिव टाइप के होंगे। इसके लिए कुल दो सौ अंक तथा ढाई घंटे रखे गए हैं। मेधा सूची निर्धारित करने वाले पेपर-दो की तैयारी के लिए संपूर्ण सिलेबस का अध्ययन आवश्यक है। साथ ही, इसकी तैयारी के सिलेबस के अनुसार वन लाइनर तथ्यात्मक नोट्स बनाना सफलता के काफी करीब पहुंचा सकता है। किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको सौ फीसदी प्रदर्शन करना ही होगा। यदि आप भी इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो अभी से बनाई गई योजना को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएं। आप इस बीच पांच वर्षो के प्रश्नों को देखकर यह अंदाजा लगाकर वस्तुनिष्ठ और डिसक्रिप्टिव उत्तर लिखने का अभ्यास कर सकते हैं। इसके साथ ही इस विषय में आपकी भाषा शैली और लिखने का स्टाइल देखा जाता है। आपके लिए बेहतर होगा कि आप आदर्श उत्तर लिखने का अभ्यास करें। यदि आपके आसपास सीनियर्स हैं, तो इसमें आप उनकी भी मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप संबंधित विषय से संभावित प्रश्नों की एक सूची भी बना सकते हैं। इस तरह की सूची बनाने में पिछले दस वर्षो के प्रश्नों का अध्ययन काफी लाभ पहुंचा सकता है।

कैसे लिखें बेहतर उत्तर
परीक्षा के लिए बहुत कम समय बचा है। इस कारण आप यह सुनिश्चित कर लें कि आप किस सेक्शन से दीर्घ उत्तर लिखेंगे। इस परीक्षा में दो प्रश्न लॉन्ग होंगे, जिसके लिए 40 अंक निर्धारित हैं। इस कारण इसकी तैयारी के लिए पहले से रणनीति बनाना जरूरी है। आप क्रिटिकल और एनालिटिकल उत्तर लिखेंगे, तो अच्छे मा‌र्क्स प्राप्त कर सकते हैं। यह तभी संभव हो पाएगा, जब आप इस तरह के उत्तर लिखने का अभ्यास करेंगे। इसके अलावा इस परीक्षा में 50 शब्दों के उत्तरों की संख्या अधिक होती है। इस कारण यह स्कोरिंग माना जाता है। आप निर्धारित समय-सीमा के अंदर प्रश्नों को लिखने का खूब अभ्यास कर सकते हैं। अच्छे अंक तभी प्राप्त कर सकते हैं, जब आपका उत्तर साफ और सही हो। विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी एग्जामनर सभी प्रश्नों का उत्तर नहीं पढता है, लेकिन सभी प्रश्नों के उत्तर का इंट्रोडक्शन और अंत में मूल्यांकन अवश्य देखता है। यदि आप इंट्रोडक्शन में ही उत्तर से संबंधित महत्वपूर्ण टॉपिक्स लिखते हैं और अंत में उसका सारांश कम शब्दों में बेहतर तरीके से लिखने में सफल होते हैं, तो आप परीक्षा में बेहतर कर सकते हैं।
(विजय झा,दैनिक जागरण,15.12.2010)

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