प्रश्न पत्रों की लीकेज ने गत वर्ष महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की आंखें खोल दी थीं। इसलिए इस बार विश्वविद्यालय ने आठ इंजीनियरिंग कालेजों को नकल का गढ़ मानते हुए इन पर पैनी नजर रखने की योजना बनाई है। इनमें फरीदाबाद और गुड़गांव के कालेज शामिल हैं। विवि ने इन कालेजों में जहां अपना पर्यवेक्षक नियुक्त किया है वहीं, इनमें परीक्षा के तीन घंटे के लिए उड़नदस्तों की तैनाती की है।
पिछले सत्र के दौरान करीब पांच बार इंजीरियरिंग के प्रश्न पत्र लीक हुए थे। इससे विवि की भारी फजीहत हुई थी और परीक्षाओं को बार-बार रद्द करना पड़ा था। इसे देखते हुए विवि के कुलपति डा. आरपी हुड्डा ने प्रश्न पत्र लीकेज के लिए एक जांच कमेटी का गठन भी किया था, जिसमें यह पाया गया कि प्रश्न पत्र विश्वविद्यालय में लीक न होकर किसी कालेज में लीक हुआ है। विश्वविद्यालय कालेजों को ही सीधे रूप से प्रश्न पत्र देता था। विवि को पता चला कि अपने कालेज का परीक्षा परिणाम अच्छा लाने के चक्कर में कुछ कालेज प्रश्न पत्रों के लीकेज का काम कर रहे थे। जांच में कुछ कॉलेजों के नाम भी सामने आए थे, लेकिन सबूत नहीं होने के कारण विवि इन कालेजों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पाया, लेकिन इन कालेजों को संदिग्ध सूची में डालकर विवि प्रशासन ने नकल रोकने के लिए कुछ आवश्यक और कारगर कदम जरूर उठाए हैं(नवभारत टाइम्स,फरीदाबाद,21.12.2010)।
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